इजरायल की सेना हमास को खत्म करने पर तुली हुई है. यही वजह है कि अब इजराइली सेना दक्षिणी गाजा पर अपना कहर बरपा रही है. इस युद्ध में इजरायल का सबसे खतरनाक और घातक हथियार स्पाइस बम है. ये इतना हाइटेक है कि इसके वार से दुश्मन का बचना नामुमकिन है. चलिए अब आपको बताते हैं कि ये बम कितना खास है और कैसे काम करता है.


किस तरह का बम है ये


SPICE का मतलब है "स्मार्ट (smart), सटीक (Precise), प्रभावी (Impact), लागत-कुशल (Cost Effective)". दक्षिण गाजा क्षेत्र में इजरायली वायुसेना द्वारा स्पाइस 2000 बम का प्रयोग किया जा रहा है, जो बहुत अधिक सटीक लक्ष्य प्राप्त करने में सक्षम है. इस बम का निर्माण इस्राइल ने स्वयं किया है और इसे गाइडेड बम की श्रेणी में रखा गया है. 2003 से इसका प्रयोग हो रहा है और राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम ने इसे विकसित किया है. यह 250, 1000, और 2000 पाउंड की श्रेणी में उपलब्ध है और इसे तेजस, सुखोई, एफ-15, और एफ-16 जैसे कई विमानों के माध्यम से टारगेट पर लाया जा सकता है.


भारत ने भी इस बम का इस्तेमाल किया था


इसका अब तक इजराइल, भारत, और ग्रीस की वायुसेना ने उपयोग किया है, और भारत ने 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लक्ष्य से इसे इस्तेमाल किया था. इस्तेमाल किए गए विमान में मिराज शामिल थे, और इसे बालाकोट बम भी कहा जाता है. इस तकनीकी उपयोग के बाद, बम विमान में लोड किया जाता है और इसके बाद कुछ मिनटों में टारगेट पर पहुंचता है और हमला करता है. इसमें लक्ष्य की तस्वीरें होती हैं, जीपीएस और कैमरा भी शामिल हैं, जो इसे गाइडेड बम बनाता है.


एक चिप इसमें फिट किया जाता है, जिसमें सभी आवश्यक जानकारी होती है जो सटीक हमले के लिए आवश्यक हैं. विमान के कॉकपिटल और बम के बीच एक डेटा लिंक होता है, जो पायलट को आवश्यक जानकारी प्रदान करता है. बम को लॉन्च करने के बाद, यह कई तरीकों से काम कर सकता है, जैसे कि कम रोशनी में भी अपने टारगेट पर पहुंचना. यह आतंकी संगठनों और उनके ठिकानों की खोज-खोज में भी सक्षम है और इसमें विभिन्न तकनीकी उपाय शामिल हैं जो इसे उच्च प्रदर्शन शक्ति और सटीकता प्रदान करते हैं.


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