देश में प्राइवेट स्कूलों की संख्या बढ़ती जा रही है, जहां देशभर में सरकारी स्कूलों से ज्यादा संख्या प्राइवेट स्कूलों की है, वहीं क्या आप देश के उस राज्य के बारे में जानते हैं जहां एक भी प्राइवेट स्कूल नहीं है, बल्कि यहां सरकारी स्कूलों में ही बच्चों की पढ़ाई होती है.


इस राज्य में नहीं है एक भी प्राइवेट स्कूल


दरअसल हम देश के केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप की बात कर रहे हैं. जहां एक भी प्राइवेट स्कूल नहीं है. लक्षद्वीप में 45 सरकारी स्कूल हैं, जहां केंद्र शासित प्रदेश के बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं. इस प्रदेश में एक भी प्राइवेट स्कूल नहीं है. ये जानकारी संसद में एक प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दी है. ये आंकड़े 2021-22 के हैं. वहीं देश में कुल स्कूलों की संख्या पर नजर डालें तो राज्य शिक्षा मंत्री जयन्त चौधरी द्वारा संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक, हमारे देश में 10,32,570 सरकारी और 337499 प्राइवेट स्कूल हैं.


कहां स्थित है लक्षद्वीप?


बता दें लक्षद्वीप भारत का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश है, जो केवल 32.62 वर्ग किमी में फैला हुआ है. भारत के दक्षिण पश्चिम तट से लक्षद्वीप की दूरी 200-400 किमी है. पर्यटन की दृष्टि से ये द्वीप काफी सुंदर है. इस खूबसूरत द्वीप की राजधानी कवरत्ती है. लक्षद्वीप कुल 36 छोटे-छोटे द्वीपों को मिलकर बना है, जिसमें से 10 टापुओं पर लोग रहते हैं, यहां की अधिकतर आबादी मुस्लिम है.


भारत का जरुरी हिस्सा है लक्षद्वीप


लक्षद्वीप हमारे देश का एक अहम हिस्सा है. जो भारत की सुरक्षा के लिहाज से भी काफी अहम है. इस जगह के कारण भारत को समुद्र के 20000 स्क्वायर किलोमीटर तक एक्सेस मिलता है. यहां से दूर-दूर तक किसी भी जहाज पर नजर रखी जा सकती है. ऐसे में भारत भी अब लक्षद्वीप पर एक मजबूत बेस तैयार कर रहा है, ताकि किसी भी देश के नाकाम समुद्री इरादों का पता यहां से लगाया जा सके. इसके चलते लक्षद्वीप बहुत अहम है. कुछ समय पहले ये पीएम मोदी के दौरे को लेकर खासी सुर्खियों में रहा था.                                                                                                       


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