पाकिस्तान से अलग होने से पहले बांग्लादेश में इतनी थी हिंदुओं की संख्या, हैरान करने वाला है आंकड़ा
आपको जानकर हैरानी होगी कि 1947 में इस पूर्व पाकिस्तान (बांग्लादेश) में 25 फीसदी हिंदू थे, लेकिन आज यह संख्या घटकर केवल 8-9 फीसदी रह गई है.

Hindus Population In Bangladesh: पिछले दिनों बांग्लादेश में व्यापक विरोध प्रदर्शन के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख़ हसीना को अपना पद छोड़ना पड़ा. इसके बाद से बांग्लादेश में हालात बद से बदतर होते गए. साथ ही भारत-बांग्लादेश कूटनीतिक संबंधों में तल्ख़ी आ गई. दरअसल बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के ख़िलाफ़ हिंसा की घटनाओं पर बयानबाज़ी ने तनाव को बढ़ाने का काम किया है. बहरहाल क्या आप जानते हैं कि बांग्लादेश में हिंदुओं की तादाद कितनी है? वहीं, यह संख्या पाकिस्तान से अलग होने से पहले बांग्लादेश में कितनी थी?
बांग्लादेश में हिंदू जनसंख्या कितनी कम हुई?
बांग्लादेश में हिंदू जनसंख्या में भारी गिरावट आई है. आपको जानकर हैरानी होगी कि 1947 में इस पूर्व पाकिस्तान (बांग्लादेश) में 25 फीसदी हिंदू थे, लेकिन आज यह संख्या घटकर केवल 8-9 फीसदी रह गई है. अब सवाल है कि क्या वे कहां गए? क्या उनका धर्म परिवर्तन हुआ? क्या वे भारत चले गए? या फिर उनकी हत्या की गई? बहरहाल इस पर वाद-विवाद का दौर जारी है, लेकिन बांग्लादेश में हिंदूओं पर लगातार हो रहे हिंसा ने फिर से सवाल पर बहस छेड़ दिया है.
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बताते चलें कि बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास को अरेस्ट कर लिया गया. चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था.
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इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया. साथ ही त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बांग्लादेश के उप-उच्चायोग की इमारत में तोड़फोड़ हुई थी. इस पर बांग्लादेश ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. जिसके बाद भारत ने मामले पर खेद जताया था.
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