दुनिया की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन में लगाया गया था हवाई जहाज का इंजन, फिर ऐसे हुई तैयार
Jet train: ट्रेन के बनकर तैयार होने के पांच साल तक इसका परीक्षण किया गया, जिसके बाद ही इस ट्रेन को सार्वजनिक रूप से यात्रा के लिए प्रस्तुत किया गया था.
![दुनिया की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन में लगाया गया था हवाई जहाज का इंजन, फिर ऐसे हुई तैयार This was the worlds first fastest jet train today is standing rusting know the reason behind this दुनिया की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन में लगाया गया था हवाई जहाज का इंजन, फिर ऐसे हुई तैयार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/01/28/cde69acab92bea956e021ec79fda91341674889048707580_original.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
World's Fastest Train: अगर आपसे दुनिया की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन का नाम पूछा जाए तो ज्यादातर लोगों का जवाब होगा बुलेट ट्रेन, लेकिन दुनिया में बुलेट ट्रेन से भी तेज चलने वाली एक ट्रेन हुआ करती थी. जिसे रूस ने बनाया था. उस ट्रेन का नाम था जेट ट्रेन, जो इन दिनों गुमनामी में खोई हुई है. सोवियत संघ के समय में दौड़ने वाली यह ट्रेन अब कबाड़ बन चुकी है. 1970 के दशक में यह सबसे तेज गति से यात्रा करने वाली ट्रेन हुआ करती थी. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस ट्रेन में दो जेट इंजन हुआ करते थे, जो इसे 350 किलोमीटर प्रतिघंटा की टॉप स्पीड पर लेकर जाते थे. आइए जानते हैं फिर इस ट्रेन को बंद क्यों कर दिया गया...
प्लेन के बराबर था किराया लागत
बेशक यह दुनिया की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन थी, लेकिन इलेक्ट्रिक ट्रेन और बुलेट ट्रेन के आने के बाद इस ट्रेन की उपयोगिता पर सवाल उठने लगे. इसमें लगे जेट इंजन की वजह से ट्रेन की लागत इतनी ज्यादा थी कि यात्रियों से उतना किराया वसूलना भी काफी मुश्किल होता था. इस ट्रेन के बराबर किराए में यात्री फ्लाइट से यात्रा कर लेते थे. उपयोगिता घट जाने के बाद इस ट्रेन को बंद कर दिया गया. आज यह जेट ट्रेन सेंट पीटर्सबर्ग के कलिनिन्स्की में एक फैक्ट्री यार्ड के रेल कारखाने में खड़ी जंग खा रही है.
अब सेंट पीटर्सबर्ग में खड़ी है यह जेट ट्रेन
इस ट्रेन का निर्माण साल 1970 में सोवियत संघ के डिजाइनरों ने किया था. डिजाइनरों ने ट्रेन की एक सामान्य बोगी ली और उसकी छत पर Yak-40 पैसेंजर प्लेन के दो इंजन लगा दिए. इस ट्रेन का वजन 50 टन था, जो सामान्य तौर पर 290 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार से चलती थी. हालांकि, 28 मीटर लंबी यह ट्रेन लंबी यात्रा के दौरान 350 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड भी पकड़ सकती थी.
अपने जमाने की थी सबसे तेज ट्रेन
परीक्षण के दौरान जेट ट्रेन ने 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार को पार किया था. उस जमाने में किसी भी ट्रेन के लिए इस रफ्तार को छूना लगभग नामुमकिन माना जाता था. रूस की इस जेट ट्रेन को गाई स्पीड लेबोरटरी कार नाम दिया गया था. जेट ट्रेन को बनाने में इंजीनियर मिखाइल नेपर्येव और विमान मैकेनिक अलेक्सी लोज़ोव ने अपना बड़ा योगदान दिया था.
गिन रही है अपने अंतिम दिन
ट्रेन के बनकर तैयार होने के पांच साल तक इसका परीक्षण किया गया, जिसके बाद ही इस ट्रेन को सार्वजनिक रूप से यात्रा के लिए प्रस्तुत किया गया था. लेकिन, फिर कम्यूनिस्ट पार्टी में विघटन और पैसों की कमी ने इस प्रोजक्ट की उपेक्षा करनी शुरू कर दी और बाद में इस ट्रेन को सेंट पीटर्सबर्ग के कलिनिन्स्की ले जाकर खड़ा कर दिया. अब यह ट्रेन कलिनिन्स्की की फैक्ट्री में अपने अंतिम दिन गिन रही है.
यह भी पढ़ें -
चींटियां सूंघकर कैंसर का पता लगा लेती हैं... वैज्ञानिकों की ये रिसर्च वाकई हैरान कर देने वाली है
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)