आज यानी मंगलवार 9 अप्रैल 2024 को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से चैत्र नवरात्रि प्रारंभ हो गई है. सनातन धर्म में इसी दिन से हिंदू नववर्ष भी प्रारंभ होता है, जिसे गुड़ी पड़वा के रूप में मनाते हैं. शास्त्रों में चैत्र नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक नौ अलग-अलग देवियों की आराधना और पूजन करने का विधान बताया गया है. इस दौरान बहुत घरों में लोग व्रत भी रखते हैं. लेकिन आज हम आपको एक अनोखी बात बताने वाले हैं. दरअसल क्या आप सोच सकते हैं कि बाघ भी व्रत रखते होंगे? दुनिया में एक चिड़ियाघर ऐसा भी है, जहां बाघ हफ्ते में एक दिन व्रत रहते हैं.
बाघ का फास्ट
बता दें कि बाघ मांसाहारी खाने के लिए जाने जाते हैं. लेकिन नेपाल के सेंट्रल चिड़ियाघर में बाघों को एक दिन मांस नहीं दिया जाता है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल के सेंट्रल चिड़ियाघर में ऐसा किया जाता है. यहां पर जानबूझकर बाघों को एक दिन भूखा रखा जाता है. जू के सूचना अधिकारी गणेश कोइराला ने कुछ दिनों पहले बताया था कि सेहत सुधारने के लिए इन मांसाहारी जीवों को हर शनिवार ‘फ़ास्ट’ पर रखा जाता है. इस दौरान बाघ को मांस का एक भी टुकड़ा नहीं दिया जाता है.
बाघों को भूखा रखने का कारण
कई लोग ये सोच रहे होंगे कि चिड़ियाघर अपना बजट बचाने के लिए ऐसा करते हैं. लेकिन ये सच नहीं है. दरअसल इसके पीछे की वजह बेहद खास है. जू के सूचना अधिकारी गणेश कोइराला ने कहा कि बाघों को चिड़ियाघर में ना ही खाने के लिए कोई दिक्कत है और ना ही रहने के लिए कोई परेशानी होती है. लेकिन उन्हें भूखा रखने के पीछे एक खास वजह है. हम उन्हें ओवरवेट होने से बचाने के लिए फास्ट पर रखते हैं. आमतौर पर मादा बाघ को रोज 5 किलो और नर बाघ को 6 किलो भैंसे का मांस दिया जाता है, लेकिन शनिवार को उन्हें कुछ नहीं दिया जाता. ऐसा करने से उनका पाचन तंत्र मजबूत होता है.
एक्सपर्ट के मुताबिक जब बाघ मोटे हो जाते हैं तो उनके स्वास्थ्य से जुड़ी तमाम तरह की दिक्कतें शुरू हो जाती हैं. उनकी पेट के नीचे फैट की एक लेयर जमा होनी शुरू हो जाती है. इतना ही नहीं वे भागते समय थक जाते हैं. जिससे वो शिकार नहीं कर पाते हैं. इस दौरान उन्हें दवा से कंट्रोल करना आसान है, लेकिन यह अच्छा तरीका नहीं है. फास्ट पर रखने से उनकी सेहत में सुधार होता है. मांसाहारी जीव अगर एक दिन भी खाना नहीं खाते हैं, तो उनकी सेहत में काफी सुधार होता है.
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