Indian Railways Interesting Facts: ठंड का मौसम चल रहा है. कई इलाकों में तेज ठंड की वजह से कोहरा भी छाया हुआ है. अब कोहरा इस कदर है कि इसकी वजह से कई ट्रेन अपने समय से देरी से चल रही हैं. खबरों की मानें तो इन कोहरे वाले इलाकों में राजधानी दिल्ली भी शामिल है. अब जब दिल्ली में कोहरा है तो बाकी शहरों का तो क्या ही कहना! देरी से चलना तो फिर भी ठीक है लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि बहुत सारी ट्रेन तो कैंसल भी की जा रही हैं. बेशक, इससे यात्रियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. 


कोहरे के कारण आए दिन अचानक से तमाम ट्रेनों के रद्द होने से यात्री परेशान हो जाते हैं. कोहरे की वजह से ट्रेनों का लेट होना तो चलो फिर भी समझ आ जाता है, लेकिन ट्रेनों को कैंसिल क्‍यों कर दिया जाता है? आइए आज हम आपको बताते हैं कि कोहरे के चलते ट्रेनें कैंसल क्यों कर दी जाती हैं...


सुरक्षा है मुख्य वजह
कोहरे के चलते ट्रेनों को रद्द करने का फैसला काफी सोच समझकर और आपकी सुरक्षा का ध्‍यान रखते हुए लिया जाता है. दरअसल, तय मानदंडों के अनुसार किसी भी ट्रेन को उसकी निर्धारित स्पीड से चलाने के लिए लोको पायलट को एक निश्चित दूरी (लगभग 600 से 800 मीटर) से सिग्‍नल दिखना जरूरी होता है, ताकि किसी भी स्थिति को दूर से देखकर समय पर जरूरी एक्‍शन लिया जा सके. कई बार कोहरे से विजिबिलिटी मात्र 25 से 50 मीटर ही रह जाती है. ऐसे में, लोको पायलट सिग्‍नल नहीं देख पाता है.


घटा दी जाती है ट्रेन की स्पीड
इसलिए ट्रेन की अधिकतम गति सीमा को घटा दिया जाता है, जिसके कारण ट्रेन धीमी गति से चलती हैं. क्‍योंकि अगर गलती से एक भी रेड सिग्नल पार हो गया तो इससे यात्रियों पर न जाने कितनी बड़ी आफत आ सकती है. ट्रेनों की रफ्तार कम होने से ट्रैक की व्‍यस्‍तता बढ़ती है और पीछे आने वाली तमाम गाड़‍ियों की आवाजाही भी प्रभावित होती है. इस तरह रेलवे के लिए सभी ट्रेनों को सुचारू रूप से चला पाना संभव नहीं हो पाता है. तब स्थिति को ध्यान में रखते हुए रेलवे की ओर से कुछ ट्रेनों के रूट डायवर्ट कर दिए जाते हैं और कुछ ट्रेनों को रद्द ही कर दिया जाता है. 


समझिए कैसे होती हैं ट्रेन लेट
मान लीजिए, कोई ट्रेन 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलती है और उसे अगले स्‍टेशन पर पहुंचने में 40 मिनट का समय लगता है. कोहरे के कारण उसकी रफ्तार को घटाकर 50 किमी प्रति घंटा कर दिया गया है. जब 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेन 50 की स्‍पीड से चलेगी तो जो ट्रेनें पहले से ही कम स्‍पीड में चलती हैं उनकी रफ्तार और कम हो सकती है. इस प्रकार सभी ट्रेनें प्रभावित हो जाती हैं. ऐसे मैं रेलवे ट्रैक की इंगेजमेंट बढ़ जाती है. ऐसी स्थितियों में सभी ट्रेनें चला पाना संभव नहीं हो पाता है. 


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