(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ट्रेन से अगर तौलिया या चादर घर ले आए तो क्या होगा? इतनी हो सकती है जेल
Train Towel Bedding Rules: ट्रेन के एसी कोच में यात्रियों को बेडशीट, कंबल आदि दिए जाते हैं. अगर कोई ये अपने साथ घर ले जाए तो क्या है सजा का प्रावधान...
जब भी आप ट्रेन के एसी कोच से सफर करते हैं तो आपको सफर के लिए रेलवे की ओर से चादर, तौलिया, कंबल आदि मिलते हैं. रेलवे की ओर से दिए जाने वाले इन सामान को आप सफर के दौरान इस्तेमाल कर सकते हैं और आपको इन सामान को ट्रेन में ही छोड़ना होता है. ऐसा नहीं है कि आप इसे सफर के बाद अपने साथ लेकर चले जाएं. कई लोग सफर के दौरान इन्हें इस्तेमाल करने के बाद अपने साथ ये बेडशीट या तौलिया लेकर आ जाते हैं, जो कि ठीक नहीं है.
लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अगर ट्रेन के बाहर भी आपके पास ये बेडरोल का कोई सामान मिलता है तो आप पर कार्रवाई की जा सकती है. तो जानते हैं कि अगर किसी के पास बेडरोल का कोई सामान मिलता है तो उस पर क्या कार्रवाई होती है और क्या इस जुर्म में जेल का भी प्रावधान है या नहीं...
बेडरोल में क्या क्या होता है?
जब भी आप एसी कोच में सफर करते हैं तो आपको रेलवे की ओर से कुछ सामान दिया जाता है, जिसे सफर के दौरान आप इस्तेमाल कर सकते हैं. कोरोना के दौरान रेलवे की ओर से बेडरोल देने पर रोक लगा दी थी और अब फिर से इसकी शुरुआत की गई है. बेडरोल सिर्फ एसी क्लास में सफर करने वाले लोगों को ही दिया जाता है. रेलवे की ओर से दिए जाने वाले बेडरोल में दो चादर, एक कंपल, एक तकिया, एक तकिए का कवर और तौलिया शामिल होता है. हालांकि, अब रेलवे की ओर से तौलिया कम ही दिया जाता है.
बता दें कि 2017-18 में 1.95 लाख तौलिया, 81,776 चादरें, 5,038 तकिये का कवर और 7,043 कंबल चोरी हुए थे. इसी तरह से हर साल बड़ी संख्या बेडरोल का सामान चोरी हो जाता है. माना जाता है कि इस सामान की वैल्यू करीब 14 करोड़ रुपये है. ऐसे में रेलवे ने अटेंडेंट्स को ट्रेन की यात्रा खत्म होने से आधे घंटे पहले ही बेडरोल का सामान इकट्ठा करने की सलाह दी गई थी ताकि लोग इनकी चोरी ना कर सके. इसके साथ ही कई लोगों को इस जुर्म के लिए अरेस्ट भी किया गया, जो संख्या काफी कम है.
बेडरोल घर ले जाए तो क्या होगा?
सफर के लिए दिए जाने वाला बेडरोल भी कई लोग घर लेकर चले जाते हैं. अगर कोई ऐसा करने के बाद पकड़ा जाता है तो उस यात्री पर कार्रवाई की जा सकती है. दरअसल, ये रेलवे की प्रोपर्टी मानी जाती है और रेलवे प्रॉपर्टी एक्ट 1966, ट्रेन से सामान चुराने पर कार्रवाई का प्रावधान है. ऐसे में इस जुर्म के लिए एक साल की सजा हो सकती है और एक हजार रुपये का जुर्माना भी लग सकता है. इसके साथ ही अधिकतम सजा की बात करें तो ये 5 साल की है.
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