Tripura Students HIV cases: त्रिपुरा में एड्स कंट्रोल सोसायटी ने 828 छात्रों को एचआईवी संक्रमण के लिए रजिस्टर्ड किया है. इनमें से 572 छात्र अभी जिंदा हैं, वहीं 47 छात्रों की मौत हो चुकी है. इतनी बड़ी संख्या में छात्रों के एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने से हड़कंप मचा हुआ है. हमारे देश में फिलहाल 15 से 49 वर्ष की उम्र के बीच के लगभग 25 लाख लोग एड्स से पीड़ित हैं. ये आंकड़ा दुनियाभर में एड्स प्रभावित लोगों की लिस्ट तीसरे स्थान पर आता है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर दुनिया में सबसे ज्यादा एचआईवी संक्रमित लोग किस देश में हैं? चलिए जान लेते हैं.
दुनिया में यहां पाए जाते हैं सबसे ज्यादा एचआईवी संक्रमित लोग
हर साल एचआईवी/एड्स से लगभग 10 लाख लोगों की मौत हो जाती है. कुछ देशों में यह मौत की मुख्य वजह है. वहीं दुनिया में एचआईवी के सबसे ज्यादा केस उप-सहारा अफ्रीका में सामने आते हैं. यहां 1,00,000 लाख व्यक्तियों पर मौत का आंकड़ा 100 है. यानी यहां एक लाख लोगों में से 100 लोगों की मौत तो सिर्फ इस संक्रमण के चलते होती है.
भारत में HIV का पहला मामला कब आया था सामने?
एचआईवी का पता 1981 में ही चल गया था, लेकिन भारत में HIV का पहला मामला साल 1986 में सामने आया था. उस समय चेन्नई की कुछ सेक्स वर्कर्स में इसकी पुष्टि हुई थी. उस समय तक ये संक्रमण दुनिया के कई देशों तक पहुंच चुका था. बता दें इस संक्रमण से भारत के लगभग 115 लोग हर साल जान गंवाते हैं.
क्या हैं एचआईवी के लक्षण?
एचआईवी के लक्षण दो से चार हफ्ते में नजर आने लगते हैं. जिसमें शुरुआत में बुखार, सिरदर्द, दाने या गले में खराश जैसी समस्याएं, तेजी से वजन कम होना, दस्त, खांसी, लिम्फ नोड्स में सूजन जैसी चीजें होने लगती हैं.
कितना खतरनाक है एड्स?
WHO के अनुसार, एड्स कोई बीमारी नहीं है लेकिन इसके होने पर इम्यूनिटी इतनी कमजोर हो जाती है कि बारी बीमारियों की चपेट में शरीर बड़ी ही आसानी से आ जाता है और फिर उससे उबर नहीं पाता है. एड्स, एचआईवी वायरस की वजह से होता है, जो असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित व्यक्ति के या प्रेगनेंसी में खून के जरिए या फिर डिलीवरी के दौरान संक्रमित मां से बच्चे तक फैल सकता है.
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