भूकंप की वजह से मलबे में दबे कुछ लोग जिंदा निकलने के बाद भी क्यों नहीं बच पाते?
बहुत-सी बार मलबे से सुरक्षित निकाले गए लोगों की बाद में मौत हो जाती है. डॉक्टर्स का कहना है कि इस तरह से मौत होने की लाखों वजह हो सकती हैं. आइए जानते हैं इस बारे में मेडिकल साइंस क्या कहता है.
Turkey-Syria Earthquake: पिछले दिनों तुर्की और सीरिया में आए तेज भूकंप (Turkey-Syria Earthquake) की वजह से गिरी इमारतों के नीचे दबने से हजारों लोगों की मौत हो गई. हालांकि, बचाव व राहत अभियान के तहत काफी लोगों को मलबे से जिंदा निकाल लिया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मलबे से 4 दिन बाद सुरक्षित निकाली गई जैनब की कुछ घंटों बाद अस्पताल में मौत हो गई. हालांकि, इंटरनेशन सर्च एंड रेस्क्यू के अनुसार, वह मलबे से जिंदा निकलने के बाद जब जैनब अस्पताल ले जाया जा रहा था तो वह हंस रही थीं.
ये मामला कोई नया नहीं है, पहले भी ऐसे कई मामले देखने को मिले हैं, जिनमें मलबे से सुरक्षित निकाले गए लोगों की बाद में मौत हो गई थी. डॉक्टर्स का कहना है कि इस तरह से मौत होने की लाखों वजह हो सकती हैं. आइए जानते हैं इस बारे में मेडिकल साइंस क्या कहता है.
हार्ट बीट ले सकती है जान
सहायता संगठन आईएसएआर से जुड़े इमरजेंसी डॉक्टर बास्टियान हैर्ब्स्ट इस बारे में बताते हैं कि भूकंप, सुनामी या दूसरी आपादाओं में किसी असामान्य हार्ट बीट भी व्यक्ति की मौत की वजह बन सकती है. कई बार मलबे से जिंदा निकलने की ज्यादा खुशी के कारण भी व्यक्ति की हार्ट बीट बहुत बढ़ जाती है. जो मौत का कारण बन सकती है. मलबे के नीचे बड़े व्यक्ति का शरीर एक ही स्थिति में रहने के कारण अकड़ जाता है. ऐसे में सामान्य अवस्था में आने पर की नसें खुल जाती हैं और ठंडे खून का प्रवाह एकदम से बढ़ जाता है. इससे भी हार्ट बीट असामान्य होकर किसी की मौत हो सकती है.
नसों का सिकुड़ना और रक्त का तापमान गिरना
जैनब वाले मामले में डॉ. हैर्ब्स्ट का कहना है कि हाइपोथर्मिया के कारण भी उसकी मौत हो सकती है. उनके अनुसार, बर्फीली ठंड के कारण मलबे में फंसे लोगों की रक्त नलिकाओं के सिकुड़ने का खतरा रहता है. इसलिए नसें स्किन के रास्ते शरीर के अंदर की गर्मी को बाहर नहीं निकलने देती हैं. इसके बाद शरीर के कुछ हिस्सों में रक्त का तापमान बहुत ज्यादा कम हो जाता है और कुछ हिस्सों में तापमान सामान्य या ज्यादा हो जाता है. जिसके कारण शरीर में रक्त का प्रवाह असामान्य हो जाता है और यह भी व्यक्ति की मौत की वजह बन सकता है.
बचने के बाद तनाव का अचानक से घटना
डॉक्टर्स के अनुसार, मलबे से जिंदा निकले लोगों की कुछ देर बाद मौत होने का बड़ा कारण तनाव का अचानक से घट जाना भी हो सकता है. डॉ. हैब्र्स्ट के अनुसार, आपदा में फंसे व्यक्ति पर बहुत ज्यादा तनाव रहता है. ऐसे में जब उसे बचाव दल बचा लेता है तो उसका तनाव एकदम से घट जाता है. यह भी मौत की वजह बन सकता है. कुछ लोगों के लिए तनाव का अचानक घटना बेहद गंभीर हो सकता है. इतना गंभीर कि इससे उनकी मौत भी हो सकती है.
दरअसल, भयंकर तनाव के दौरान हमारे शरीर में बहुत से स्ट्रेस हॉर्मोन रिलीज होते हैं. जो शरीर को जिंदा रहने के लिए लड़ने की ताकत देते हैं. जिंदा बच जाने पर ये हॉर्मोन बनने एकदम बंद हो जाते हैं, जिससे दिमाग और शरीर के बीच की संचार प्रणाली एकदम से ठप पड़ जाती है और स्थिति गंभीर बन जाती है. इसके अलावा भी बहुत से ऐसे कारण हो सकते हैं, जो इस स्थिति में व्यक्ति की मौत का कारण बन सकते हैं.
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