जब भी आप हवाई जहाज में सफर करते हैं तो आपने अक्सर ये बात जरूर ध्यान दी होगी कि उसमें दो पायलट होते हैं, जो उसे संचालित करने का काम करते हैं. ऐसे में जब सफर लंबी दूरी का होता है तो यात्रियों के अलावा हवाई जहाज चलाने वाले पायलट भी खाना खाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि इस दौरान पायलट और को-पायलट को एक जैसा खाना नहीं दिया जाता. चलिए इसके पीछे की वजह जानते हैं.
क्यों एक ही हवाई जहाज के दो पायलट को देते हैं अलग-अलग खाना?
फ्लाइट में जब भी पायलट और को-पायलट को खाना दिया जाता है तो वो अलग-अलग होता है. दरअसल ये हवाई जहाज और यात्रियों की सुरक्षा के लिए होता है. दरअसल ये इसलिए किया जाता है कि यदि किसी के खाने में गड़बड़ी हो, उस स्थिति में दोनों पायलट बीमार ना पड़ें.
आसान भाषा में बताया जाए तो विमान के पायलट्स को फूड पॉइजनिंग से बचने के लिए अलग-अलग खाना दिया जाता है. दरअसल फ्लाइट में बहुत सारे यात्री होते हैं और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पायलट की ही होती है. ऐसे में यदि दोनों पायलट बीमार पड़ गए तो विमान में मौजूद सभी लोगों की जान को खतरा हो सकता है. यही वजह है कि दोनों को अलग-अलग खाना दिया जाता है.
हो चुकी है ऐसी भी घटना
जानकारी के अनुसार, साल 1984 में लंदन से न्यूयॉर्क के बीच चलने वाली कॉनकॉर्ड सुपरसॉनिक फ्लाइट को ऐसी ही घटना का सामना करना पड़ा था. दरअसल इस फ्लाइट पर सवार 120 यात्री और क्रू के सभी मेंबर्स को गंदा खाना खाने के चलते फूड पॉइजनिंग हो गई थी. इसके बाद उन्हें बुखार, उल्टी, और डायरिया भी हो गया. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, फूड पॉइजनिंग से एक शख्स की तो मौत भी हो गई थी. इस दौरान पायलट्स को बहुत समस्या हुई थी, बहुत मुश्किल से उन्होंने फ्लाइट को लैंड कराया था.
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