कौन हैं महाराणा प्रताप के वंशज? जिसके पास है उनकी सारी संपत्ति
इतिहास के पन्नों में महाराणा प्रताप का नाम वीर योद्धा के रूप में दर्ज है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज उनके वंशज कहां रहते हैं और उनकी संपत्ति किसके पास है? चलिए जानते हैं.
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महाराणा प्रताप का नाम भारतीय इतिहास में वीरता, साहस के प्रतीक के रूप में लिया जाता है. उनका जन्म 9 मई 1540 को हुआ था और वे मेवाड़ के राणा थे. महाराणा प्रताप एक ऐसे योद्धा थे जिन्होंने मुगल साम्राज्य के खिलाफ लंबे समय तक संघर्ष किया था. उनके वंशज आज भी उदयपुर में रहते हैं और उनकी विरासत को संजोए हुए हैं, लेकिन इस विरासत के साथ ही एक लंबा विवाद भी जुड़ा हुआ है, जो संपत्ति को लेकर है. महाराणा प्रताप के वंशजों के बीच संपत्ति को लेकर कई सालों से विवाद चल रहा है. इस विवाद के कारण ही राजघराने के सदस्यों के बीच संबंध खराब हो गए हैं. चलिए जानते हैं कि आखिर महाराणा प्रताप के वंशज कौन हैं और उनकी संपत्ति किसके पास है.
कौन हैं महाराणा प्रताप के वंशज?
महाराणा प्रताप के बाद उनके परिवार और वंशजों का योगदान भी खास रहा है. वो हमेशा मेवाड़ के शाही परिवार के सदस्य रहे हैं. उनके वंशज आज भी भारतीय राजनीति में एक्टिव हैं.
मौजूदा समय में महाराणा प्रताप के वंशजों के रूप में उनके परिवार के खास व्यक्ति विश्वराज सिंह मेवाड़ हैं, जो महलों, जायदादों और ऐतिहासिक धरोहर के मालिक हैं. विश्वराज सिंह मेवाड़, महाराणा प्रताप के पोते महेंद्र सिंह मेवाड़ के बेटे हैं, जिनका हाल ही में निधन हुआ था. उनके निधन के बाद, उनके बेटे ने परिवार की जिम्मेदारी संभाली.
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कहां रहते हैं महाराणा प्रताप के वंशज?
विश्वराज सिंह मेवाड़, जो मौजूदा समय में मेवाड़ के शाही परिवार के प्रमुख हैं, मेवाड़ के राजपरिवार की ऐतिहासिक धरोहर और संपत्ति के उत्तराधिकारी हैं. उनका परिवार उदयपुर के सिटी पैलेस में रहता है, जो मेवाड़ का ऐतिहासिक किला और महल है. सिटी पैलेस की शानदार वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व इसे एक खास पर्यटन स्थल बनाती है. इसके अलावा मेवाड़ के अन्य महल, किलों और जमीन-जायदाद पर भी महाराणा प्रताप के वंशजों का अधिकार है.
संपत्ति को लेकर विवाद
महाराणा प्रताप के वंशजों के बीच संपत्ति का विवाद कई कारणों से है. दरअसल उदयपुर राजघराने के पास काफी बड़ी संपत्ति है, जिसमें महल, जमीन और अन्य संपत्तियां शामिल हैं. ऐसे में महाराणा प्रताप के कई वंशज हैं और सभी अपनी हिस्सेदारी चाहते हैं. इसी संपत्ति को लेकर विवाद के कारण परिवार के सदस्यों के बीच कलह हो गई है.
राजतिलक पर हुआ विवाद
हाल ही में हुए राजतिलक के दौरान यह विवाद और गहरा गया. राजतिलक के बाद नए राजा को उदयपुर के सिटी पैलेस में जाकर धूनी दर्शन करने थे. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, लेकिन इस बार नए राजा को सिटी पैलेस में प्रवेश करने से रोक दिया गया. इस घटना ने राजघराने के सदस्यों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया.
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सिटी पैलेस है खास
सिटी पैलेस उदयपुर राजघराने का प्रमुख निवास है और इसका धार्मिक महत्व भी है. यहां स्थित धूनी माता का मंदिर राजघराने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. राजतिलक के बाद नए राजा विश्वराज सिंह को यहां आकर दर्शन करने की परंपरा है, लेकिन इस बार नए राजा को सिटी पैलेस में प्रवेश करने से रोक दिया गया, जिससे विवाद और बढ़ गया.
इस विवाद के कारण उदयपुर में तनाव की स्थिति पैदा हो गई. राजघराने के सदस्यों के समर्थकों के बीच झड़प हुई और कई लोग घायल हुए, इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को तक हस्तक्षेप करना पड़ा. जिसके चलते फिलहाल उदयपुर में तनाव की स्थिति है.
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