Umbrella Cover Day: छातों के कवर का भी है म्यूजियम, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है नाम
ये कहानी साल 1996 में हॉफमैन के संग्रहालय यानी म्यूजियम से शुरू हुई. दरअसल, साल 1996 में हॉफमैन ने पोर्टलैंड में एक म्यूजियम खोला और इसमें उन्होंने लगभग 80 अम्ब्रेला कवर रखे.
सोनी सब पर आने वाले धारावाहिक शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा में एक किरदार है, पत्रकार पोपटलाल. अगर छाते की अहमियत समझनी हो तो आप उस किरदार को देख सकते हैं. इस किरदार के लिए छाता उसका सबसे बड़ा दोस्त है. वैसे भी बारिश के मौसम में अगर हमारा सबसे ज्यादा भरोसेमंद साथी कोई है तो वो हमारा छाता ही है.
लेकिन क्या आपको पता है कि हमारे छाते का भी एक दोस्त है, जो उसे हर मुसीबत से बचाता है. साल में 6 जुलाई छाते के इसी दोस्त को समर्पित है. चलिए आज आपको उसकी कहानी बताते हैं.
अम्ब्रेला कवर डे
अम्ब्रेला कवर डे यानी छाते के कवर का दिन. बारिश में छाता हमें भीगने से बचाता है और गर्मी में तेज धूप से. लेकिन जब छाते की सुरक्षा की बात आती है तो सबसे आगे रहता है उसका कवर. यही वजह है कि छाते के कवर की अहमियत समझते हुए दुनिया हर साल 6 जुलाई को अम्ब्रेला कवर डे मनाती है. इस दिन लोग अपने छाते के कवर को सजाते हैं, उसे साफ करते हैं और उसकी अहमियत को समझते हैं.
कहां से शुरू हुई ये कहानी
ये कहानी साल 1996 में हॉफमैन के संग्रहालय यानी म्यूजियम से शुरू हुई. दरअसल, साल 1996 में हॉफमैन ने पोर्टलैंड में एक म्यूजियम खोला और इसमें उन्होंने लगभग 80 अम्ब्रेला कवर रखे. इसी के बाद से लोगों के अंदर अम्ब्रेला कवर की अहमियत जागी. आज इस म्यूजियम में 700 से ज्यादा अम्ब्रेला कवर हैं. इस म्यूजियम का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है.
कितना महत्व रखता है छाते का कवर
पहले के समय में छाते काले रंग के और बड़े-बड़े आया करते थे, लेकिन आज आपको कई तरह के रंग बिरंगे छाते मिल जाएंगे. इसके अलावा छातों के कवर भी आपको सुंदर से सुंदर मिल जाएंगे. कवर का प्रयोग कर के आप भीगे छाते को उसमें रख सकते हैं, इससे छाते पर मौजूद पानी घर में इधर उधर नहीं फैलेगा, इसके अलावा कवर आपके छाते को धूल मिट्टी और गंदगी से बचाता है. वहीं अगर छाते का कवर सुंदर हो तो आप इससे अपने कमरी की सजावट भी कर सकते हैं.
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