भारत एक ऐसा देश है जहां कई रहस्य छुपे हैं. कुछ रहस्यों को विज्ञान की तर्ज पर सुलझा लिया गया तो कुछ आज भी इनसुलझे हैं. इन्हीं में से एक है उनाकोटी का रहस्य. उनाकोटी एक जगह है जो त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से लगभग 145 किलोमीटर दूर है. कहा जाता है कि यहां के एक गुफा में कुल 99 लाख 99 हजार 999 मूर्तियां हैं. इन 99 लाख 99 हजार 999 मूर्तियों को लेकर सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि इन्हें किसने और क्यों बनाया ये किसी को भी नहीं पता है.


ये सभी मूर्तियां हिंदू देवी देवताओं की हैं


उनाकोटी एक ऐसी जगह है जिसे भारत के सबसे रहस्यमयी जगहों में से एक माना जाता है. उनाकोटी का अर्थ होता है करोड़ों में एक. कहा जाता है कि इस जगह का नाम उनाकोटी इन मूर्तियों की वजह से ही पड़ा है. ये सभी मूर्तियां हिंदू देवी देवताओं की हैं. पहाड़ों और जंगलों से घिरे इस जगह पर किसी ने इतनी मूर्तियां कैसे और क्यों बनाईं ये आज भी रहस्य है. इस जगह से भगवान शिव की भी कहानी जुड़ी है.


भगवान शिव से जुड़ी है कथा


इस जगह को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं. उनमें से ही एक है भगवान शिव की. कहा जाता है कि एक बार भगवान शिव एक करोड़ देवी देवताओं के साथ कहीं जा रहे थे. जब ये सभी लोग उनाकोटी के पास पहुंचे तो तमाम देवी देवताओं ने कहा कि यहीं रुक कर विश्राम कर लेते हैं. भगवना शिव मान गए. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने एक शर्त रखी कि सभी को सुर्योदय होने से पहले उठना होगा. दूसरे दिन सूर्योदय से पहले सिर्फ भगवान शिव उठे. बाकी के देवी देवता सोये रह गए. इससे क्रोधित हुए भगवान शिव ने सभी को वहीं पत्थर बने रहने का श्राप दे दिया. 


वहीं दूसरी कहानी भी भगवान शिव से ही जुड़ी हुई है. कहा जाता है कि एक कालू नाम का शिल्पकार था, जो भगवान शिव और माता पार्वती के साथ कैलाश में रहना चाहता था. जब उसने तप करके भगवान शिव से ये वरदान मांगा तो भोले शंकर ने कहा कि अगर तुम एक रात में एक करोड़ मूर्तियां बना लोगे तो कैलाश जा सकते हो. कालू मूर्तियां बनाने में लग गया. लेकिन जब उसने सुबह मूर्तियां गिनीं तो उनमें एक मूर्ती कम थी औऱ इस वजह से वो कैलाश पर्वत नहीं जा सका. यही वजह है कि इस जगह को आज भी उनाकोटी कहते हैं.


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