पाकिस्तान समेत दुनिया के इन देशों में भी लागू है यूनिफॉर्म सिविल कोड, हर किसी पर लागू होता है एक कानून
उत्तराखंड में आज यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होगा. क्या आप जानते हैं कि भारत के एक राज्य और पाकिस्तान समेत कई देशों में पहले से ये कानून लागू है. जानिए इस कानून के आने के बाद क्या-क्या बदलेगा.

उत्तराखंड में आज से यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो जाएगा. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी दोपहर साढ़े बारह बजे इसका औपचारिक ऐलान करेंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि किन देशों में पहले से यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है. आज हम आपको यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में बताएंगे.
उत्तराखंड में लागू होगा यूनिफॉर्म सिविल कोड
उत्तराखंड के गृह सचिव शैलेश बगौली की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि समान नागरिक संहिता को लेकर आज वेब पोर्टल लॉन्च किया जाएगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दोपहर में इसे लागू करेंगे. इसको लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने राज्य के लोगों से 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले यूसीसी लाने का वादा किया था. सरकार बनने के बाद हमने इसे प्राथमिकता दिया है. उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार किया गया और इस पर एक अधिनियम लाया गया है. अब हम उस वादे को पूरी तरह और और औपचारिक रूप से पूरा करने जा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि यह प्रधानमंत्री के सामंजस्यपूर्ण भारत के निर्माण के दृष्टिकोण के अनुरूप होगा, जहां किसी भी धर्म, लिंग, जाति समुदाय के खिलाफ कोई भेदभाव नहीं होगा.”
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड
बता दें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है कि देश में रहने वाले सभी नागरिकों चाहे वो किसी भी धर्म, जाति, लिंग के लोग होंगे उनके लिए एक ही कानून होगा. बता दें कि अगर किसी राज्य में सिविल में सिविल कोड लागू होता है, तो विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे के साथ-साथ लिव-इन रिलेशनशिप जैसे तमाम विषयों में हर नागरिकों के लिए एक से कानून होगा. शादी के साथ-साथ लिव-इन में रहने वाले कपल्स को भी रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है.
इन देशों में पहले से लागू यूनिफॉर्म सिविल कोड
बता दें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड दुनिया के कई देश में पहले से लागू है. जिनमें अमेरिका, आयरलैंड, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मलेशिया, तुर्किये, इंडोनेशिया, सूडान, मिस्र जैसे देश शामिल हैं. हालांकि कई इस्लामिक देशों में शरिया कानून और कई यूरोपीय देशों में धर्मनिरपेक्ष कानून को फॉलो किया जाता है.
भारत के इस राज्य में भी यूनिफॉर्म सिविल कोड
भारत के गोवा राज्य में भी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है. भारतीय संविधान में गोवा को विशेष राज्य का भी दर्जा दिया गया है. बता दें कि गोवा में सभी धर्मों के लोग एक ही कानून को फॉलो करते हैं. गोवा में यूसीसी के वजह से कोई ट्रिपल तलाक नहीं दे सकता है और ही बिना रजिस्ट्रेशन के विवाह कानूनी तौर पर मान्य होता है. वहां प्रॉपर्टी पर पति-पत्नी का समान अधिकार, तलाक सिर्फ कोर्ट के जरिए हो सकता है. इसके अलावा माता पिता संपत्ति का मालिक अपने बच्चों को भी बनाना होता है.
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