देश के उत्तराखंड राज्य में पहला समान नागरिक संहिता लागू होने वाला है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि समान नागरिक संहिता क्या होता है और देशभर में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद क्या-क्या बदलाव होगा. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर समान नागरिक संहिता क्या है. 


समान नागरिक संहिता


उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता जल्द ही लागू हो सकती है. माना जा रहा है कि जल्द उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार इसे अक्टूबर और नवंबर तक राज्य में लागू कर सकती है. लेकिन सवाल ये है कि जब पूरी दुनियाभर में समान नागरिक संहिता लागू होगी, तो देश में क्या-क्या बदलेगा और कानून में क्या बदलाव होगा. 


यूनिफॉर्म सिविल कोड क्‍या?


यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है कि हर धर्म, जाति, संप्रदाय, वर्ग के लिए पूरे देश में एक ही नियम है. दूसरे शब्‍दों में कहें तो समान नागरिक संहिता का मतलब है कि पूरे देश के लिए एक समान कानून के साथ ही सभी धार्मिक समुदायों के लिये विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने के नियम एक ही होंगे. जैसे अपनी अलग-अलग धर्मों के नियम लोग मानते हैं, लेकिन यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद सभी धर्मों, जाति के लोगों के लिए जन्म से लेकर मृत्यु तक सभी नियम सामान होंगे. 


बता दें कि संविधान के अनुच्छेद-44 में सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करने की बात है. अनुच्छेद 44 संविधान के नीति निर्देशक तत्वों में शामिल है. इस अनुच्छेद का उद्देश्य संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य’ के सिद्धांत का पालन करना है. बता दें कि भारत में सभी नागरिकों के लिए एक समान ‘आपराधिक संहिता’ है, लेकिन समान नागरिक कानून नहीं है.


समान नागरिक संहिता 


भारतीय अनुबंध अधिनियम-1872, नागरिक प्रक्रिया संहिता, संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम-1882, भागीदारी अधिनियम-1932, साक्ष्य अधिनियम-1872 में सभी नागरिकों के लिए समान नियम लागू हैं. वहीं, धार्मिक मामलों में सभी के लिए कानून अलग हैं. इनमें बहुत ज्‍यादा अंतर है.


किस राज्‍य में लागू है यूनिफॉर्म सिविल कोड


समान नागरिक संहिता सिर्फ गोवा में है. बता दें कि संविधान में गोवा को विशेष राज्‍य का दर्जा दिया गया है. वहीं गोवा को पुर्तगाली सिविल कोड लागू करने का अधिकार भी मिला हुआ है. राज्‍य में सभी धर्म और जातियों के लिए फैमिली लॉ लागू है. इसके मुताबिक, सभी धर्म, जाति, संप्रदाय और वर्ग से जुड़े लोगों के लिए शादी, तलाक, उत्‍तराधिकार के कानून समान हैं. गोवा में कोई भी ट्रिपल तलाक नहीं दे सकता है. इतना ही नहीं रजिस्‍ट्रेशन कराए बिना वहां शादी कानूनी तौर पर मान्‍य नहीं होगी. संपत्ति पर पति-पत्‍नी का समान अधिकार है. 


इन देशों में लागू है यूसीसी


दुनिया के कई देशों में समान नागरिक संहिता लागू है. इनमें हमारे पड़ोसी देश पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश भी शामिल हैं. इन दोनों देशों में सभी धर्म और संप्रदाय के लोगों पर शरिया पर आधारित एक समान कानून लागू होता है. इनके अलावा इजरायल, जापान, फ्रांस और रूस में भी समान नागरिक संहिता लागू है. यूरोपीय देशों और अमेरिका में धर्मनिरपेक्ष कानून है, जो सभी धर्म के लोगों पर समान रूप से लागू होता है. दुनिया के ज्‍यादातर इस्लामिक देशों में शरिया पर आधारित एक समान कानून है, जो वहां रहने वाले सभी धर्म के लोगों को समान रूप से लागू होता है.


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