प्रमोद महाजन से लेकर पोंटी चड्ढा की हत्या तक, जब अपने ही सगे भाई बने हत्यारे
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय के भांजों विश्वजीत और जयजीत के बीच पानी विवाद में गोलीबारी हुई, जिसमें विश्वजीत की मौत हो गई. इस घटना में उनकी मां हिना देवी के गोली लगी है, जबकि जयजीत भी घायल है.

Nityanand Rai Nephew Murder: केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय के दो भांजों के बीच खूनी संघर्ष का मामला सामने आया है. इस घटना में उनके एक भांजे की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. जबकि नित्यानंद राय का दूसरा भांजा और उसकी मां घायल हैं, जिन्हें भागलपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस के मुताबिक, दो भाई विश्वजीत और जयजीत में पानी को लेकर हुए विवाद में गोलीबारी हुई, जिसमें विश्वजीत की मौत हो गई. इस घटना में उनकी मां हिना देवी के हाथ में गोली लगी है, जबकि जयजीत भी घायल है.
यह पहला मामला नहीं है जब किसी बड़ी हस्तियों के यहां इस तरह की वारदात हुई हो. इससे पहले भी दो भाईयों के आपसी विवाद में हत्याएं हुई हैं. इसमें प्रमोद महाजन, पोंटी चड्ढा और शिवसेना नेता अशोक धोड़ी का नाम शामिल है. आइए जानते हैं ऐसे मर्डर केसों के बारे में जिनमें अपने ही सगे भाई ने भाई को मौत के घाट उतार दिया.
शिवसेना नेता अशोक धोडी हत्याकांड
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे गुट के नेता अशोक धोडी की हत्या भी उनके ही सगे छोटे भाई ने की थी. अशोक धोडी पालघर जिले के दहाणु से 20 जनवरी को लापता हो गए थे. इसके बाद पुलिस ने एक लावारिस कार से उनके शव को बरामद किया था. पुलिस ने इस हत्याकांड में खुलासा किया था कि मकान विवाद में अशोक धोडी के सगे छोटे भाई अविनाश धोडी ने तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर उनका अपहरण किया और हत्या कर दी.
प्रमोद महाजन हत्याकांड
भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता प्रमोद महाजन की हत्या भी उनके ही छोटे भाई प्रवीण महाजन ने की थी. 22 अप्रैल, 2006 को प्रमोद महाजन को उनके ही घर में गोली मारी गई थी. उस पर वह अपने घर में चाय पी रहे थे, तभी उनका भाई प्रवीण महाजन वहां पहुंचा और किसी बात पर दोनों में बहस हुई. इसके बाद प्रवीण महाजन ने अपनी पिस्टल निकालकर प्रमोद महाजन की छाती में कुल तीन गोलियां मारी. 13 दिन बाद प्रमोद महाजन की मौत हो गई थी.
पोंटी चड्ढा हत्याकांड
शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा की हत्या 17 नवंबर, 2012 को हुई थी. दिल्ली स्थित एक फारम हाउस में पोंटी और उनके भाई हरदीप के बीच खूनी संघर्ष हुआ था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी. इसमें हरदीप की भी मौत हो गई थी. पोंटी चड्ढा को 15 गोलियां लगी थीं.
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