ब्रह्माण्ड जितना हमने सोचा था उससे कहीं अधिक पुराना हो सकता है. वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड उत्पत्ति के सिद्धांत की पुनर्व्याख्या करते ब्रह्मांड की मौजूदा उम्र 27 अरब वर्ष होने की संभावना जताई है. जबकि पुरानी थ्योरी के मुताबिक ब्रह्मांड की उम्र 13.7 अरब वर्ष मानी जाती रही है.


ओटावा विश्वविद्यालय में भौतिकी के सहायक प्रोफेसर राजेंद्र गुप्ता की नई खोज ने ब्रह्मांड के बारे में हमारी समझ को मौलिक रूप से बदल दिया है. अंतरिक्ष आकाशगंगाओं को अपने साथ लेकर विस्तारित होता रहा है और यह निरंतर जारी है. इसे अक्सर रेडशिफ्ट के रूप में वर्णित किया जाता है सुदूर स्थित तारों और आकाशगंगाओं में होने वाले रेडशिफ्ट को माप कर, हम ब्रह्मांड की आयु की गणना कर सकते हैं. रेडशिफ्ट घटना तब होती है जब हमसे दूर जा रही किसी वस्तु का प्रकाश प्रकाश स्पेक्ट्रम के लाल सिरे की ओर खींचता है.


तारे निकले ब्रह्माण्ड से अधिक पुराने!


ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बाद ही तारों का निर्माण हुआ. लेकिन गुप्ता ने अपने अध्ययन में पाया कि कुछ तारों की उम्र ब्रह्मांड की मौजूदा उम्र से ज्यादा है. वहीं कुछ आकाशगंगाएं बिग बैंग के लगभग 300 मिलियन वर्ष बाद की थीं, लेकिन इनका द्रव्यमान और परिपक्वता आम तौर पर अरबों वर्ष पुरानी आकाशगंगाओं जैसी थी. इससे ब्रह्मांड की मौजूदा उम्र को लेकर सवाल खड़ा हो गया.


रेडशिफ्ट थ्योरी की पुनर्व्याख्या जरूरी


राजेंद्र गुप्ता के मुताबिक फ्रिट्ज़ ज़्विकी के सिद्धांत के अनुसार, हम जो रेडशिफ्ट देखते हैं वह आकाशगंगाओं के हमसे दूर जाने के कारण नहीं बल्कि इसलिए हो सकता है क्योंकि ब्रह्मांड में यात्रा करते समय प्रकाश ऊर्जा खो देता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए गुप्ता ने रेडशिफ्ट थ्योरी की पुनर्व्याख्या करना जरूरी समझा. गुप्ता के निवविकसित मॉडल के अनुसार प्रारंभिक आकाशगंगाओं के निर्माण का समय कुछ सौ मिलियन वर्षों से लेकर कई अरब वर्षों तक बढ़ जाता है. जिससे ब्रह्मांड 26.7 अरब वर्ष पुराना हो जाता है, न कि 13.7 जैसा कि पहले अनुमान लगाया गया था.


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