जब कभी भी आप कहीं बाहर खाने के लिए आपको खाने के पैसे चुकाने पड़ते हैं. हर कोई मनपसंद जॉब चाहता है. खाने-पीने के शौकीन लोगों की चाहत होती है कि उन्‍हें ऐसी जगह काम करने को मिला जहां स्‍वादिस्‍ट चीजों की भरमार हो. उन्‍हें एक से एक अच्‍छी चीजें खाने को मिल सकें.लेकिन हर किसी की मुराद पूरी हो जाए, यह जरूरी तो नहीं. सैलरी अच्‍छी मिल जाए तो नौकरी अच्‍छी नहीं. दोनों मिल जाए तो ऑफ‍िस का माहौल पसंद नहीं. ऐसी तमाम तरह की दिक्‍कतें आती हैं. लेकिन अगर आप पिज्‍जा, चीज और डेयरी प्रोडक्‍ट खाने के शौकीन हैं, तो ऐसे लोगों के लिए गजब की नौकरी निकली है. दिनभर पिज्‍जा, चीज और डेयरी उत्‍पाद से बनी चीजें चखनी हैं और इसके बदले मोटी सैलरी भी मिलने वाली है.


क्या है नौकरी?


दरअसल, विस्कॉन्सिन-मैडिसन सेंटर फॉर डेयरी रिसर्च विश्वविद्यालय ऐसे लोगों को नौकरी पर रखना चाहता है, जिन्‍हें स्‍वाद परखने में महारत हास‍िल हो. जो कुछ भी चखकर तुरंत बता दें कि फूड कैसा है. इन्‍हें दूसरे शब्‍दों में आप डेयरी स्‍वाद परीक्षक भी कह सकते हैं. इन्‍हें ट्रेनिंग दी जाएगी और एक्‍सपर्ट बनाया जाएगा. जॉब प्रोफाइल के मुताबिक, ऐसे लोग इसके लिए फ‍िट होंगे जो स्‍वाद के बारे में जानते हों और बेहतर तरीके से इसके बारे में बता सकें. उसकी बनावट, टेक्‍सचर, स्‍वाद और सुगंध की विशेषताओं के बारे में पैनल में बात कर सकें.


हर हफ्ते 12 प‍िज्‍जा खाना होगा


जॉब एडवर्टीजमेंट के मुताबिक, इस पैनल में शामिल होने के बाद उन्‍हें एक हफ्ते में 12 प‍िज्‍जा, 24 पनीर के नमूनों का स्‍वाद लेने के लिए कहा जा सकता है.जो स्‍वाद बताएंगे उसे नोट किया जाएगा और अंत‍िम माना जाएगा. पैनल डिस्‍कशन, ट्रेनिंग सेशन और अन्‍य कार्यक्रमों में भी भाग लेना होगा. विश्वविद्यालय के अनुसार, एक सत्र तीन घंटे तक लंबा होगा. पैनलिस्टों को हर हफ्ते के तीन सत्र में शामिल रहना अनिवार्य होगा. हर सेशन के लिए 45 डॉलर का भुगतान किया जाएगा.अनुभवी पैनल‍िस्‍ट को प्राथमिकता दी जाएगी. विश्वविद्यालय की वेबसाइट के अनुसार, इसे डेयरी अनुसंधान केंद्र के रूप में मान्‍यता मिली है.


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