भारत में ऐसे लाखों करोड़ों पुरुष हैं जिनकी शादी अभी नहीं हुई है. इनमें से कुछ की तो शादी की उम्र भी निकल चुकी है. हालांकि, शादी की कोई तय उम्र नहीं होती. लोग किसी भी उम्र में शादी कर सकते हैं. हालांकि, सामाजिक रूप से देखा जाए तो एक लड़के की शादी की उम्र 25 से 30 वर्ष सबसे सही मानी जाती है. भारत में ज्यादातर लोगों की शादी इसी उम्र में होती है. हालांकि, आज हम शादी की उम्र पर नहीं बल्कि देश के एक राज्य में कुंवारों को मिलने वाली पेंशन के बारे में बात करने वाले हैं.


किस राज्य में कुंवारों को मिल रही है ये सुविधा?


ये सुविधा कहीं और नहीं बल्कि देश की राजधानी दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा में मिल रही है. गुरुवार को राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने घोषणा की कि उनकी सरकार 45 से 60 वर्ष के कुंवारों को जिसमें पुरुष और महिला दोनों शामिल हैं, 2750 रुपये की मासिक पेंशन देगी. हालांकि, पेंशन लेने वाले लोगों की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम होनी चाहिए.


कितने लोगों को मिलेगा लाभ?


जर्मन न्यूज वेबसाइट डीडब्लू की रिपोर्ट के मुताबिक, इस योजना से अकेले हरियाणा में 71,000 लोगों को लाभ मिलेगा. पत्रकारों से बातचीत में सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि इस योजना के लिए वो सालाना 240 करोड़ रुपये खर्च करेंगे. आपको बता दें राज्य सरकार पहले से ही 40 से 50 वर्ष की आयु विधवाओं और विधुरों को 2750 रुपये की मासिक पेंशन दे रही है.


हरियाणा में लोगों की शादी क्यों नहीं हो रही है?


हरियाणा में लोगों की शादी ना होने के पीछे सबसे बड़ी वजह है खराब लिंगानुपात. देश के बाकी राज्यों के हिसाब से हरियाणा में लिंगानुपात बेहतर नहीं है. साल 2011 में यहां 1000 लड़कों पर 879 लड़कियां थीं. हालांकि, अब ये संख्या 917 हो गई है. दरअसल, अब राज्य सरकार की ओर से और कई एनजीओ की ओर से हरियाणा के गांवों में जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें बताया जा रहा है कि बेटा बेटी एक समान होते हैं और उनमें फर्क करना लोगों को बंद करना चाहिए.


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