देश में किसी भी आरोपी को सजा देने का अधिकार सिर्फ अदालत के पास है. अदालत के अलावा अपने देश में किसी के पास अधिकार नहीं है कि वो किसी आरोपी को सजा दे. अपराध होने की स्थिति में कोर्ट कभी भी महिला और पुरुष को ध्यान में रखकर सजा नहीं सुनाता है. यही कारण है कि महिला अपराधियों को भी जेल में सजा काटनी होती है. लेकिन सवाल ये है कि अगर किसी आरोपी महिला का बच्चा बहुत छोटा है, तो उसको लेकर क्या नियम हैं. आज हम आपको बताएंगे कि आरोपी महिला के साथ कितने उम्र तक के बच्चे जेल में रह सकते हैं. 


महिलाओँ के लिए जेल में नियम


सवाल ये है कि जेल में कोई महिला कैदी अगर गर्भवती होती, या उसका कोई छोटा नवजात बच्चा है, ऐसी स्थिति में जेल को लेकर क्या नियम हैं? बता दें कि गर्भवती महिला के बच्चे के जन्म का इंतजाम जेल प्रशासन ही करता है. इसके अलावा जेल में पैदा होने वाले बच्चे के बर्थ सर्टिफिकेट में जेल का जिक्र भी नहीं किया जाता है. वहीं कोई ऐसी महिला जेल में आती है, जिसका बच्चा बहुत छोटा है, तो बच्चे को माता के साथ ही जेल में रखने की अनुमति दी जाती है.


नियमों के मुताबिक अधिकतम 6 वर्ष की आयु तक के बच्चे को माता के साथ जेल में रखने दिया जाता है. इन बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी जेल प्रशासन उठाता है. इसके साथ ही बच्चों की शिक्षा का जिम्मा भी जेल प्रशासन का ही होता है.


बच्चों की शिक्षा


जेल में बंद महिला कैदियों के बच्चों की शिक्षा का इंतजाम भी जेल प्रशासन ही करता है. जेल प्रशासन निर्धारित कक्षा में बच्चे का एडमिशन कराता है. वहीं अगर बच्चों की संख्या अधिक हो जाती है तो शिक्षक को जेल परिसर में ही बुलाया जाता है. इसके अलावा बच्चों के खेलने कूदने की व्यवस्था भी जेल में ही की जाती है. जेल प्रशासन के मुताबिक इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है कि माता को मिलने वाली सजा का असर बच्चे के विकास पर ना पड़े. वहीं बच्चे की शिक्षा भी अच्छे तरीके से पूरी हो सके.


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