Termites Damage RS 18 Lakh: यूपी के मुरादाबाद में एक महिला, जिसने करीब डेढ़ साल तक बैंक के लॉकर में 18 लाख रुपये नकद रखे थे, उसको अब पता चला है कि उसके पैसे में दीमक लग गई है. लॉकर मालिक की पहचान अलका पाठक के रूप में हुई है, जिसने अक्टूबर 2022 में अपनी बेटी की शादी के लिए रखे गए पैसे और कुछ गहनों को लॉकर में छिपा दिया था. इंडिया में लोग घर की तिजोरी से अधिक सुरक्षित जगह बैंक लॉकर को मानते हैं. उन्हें लगता है कि अगर वह अपना क़ीमती सामान बैंक लॉकर में रखते हैं तो वह अधिक सुरक्षित रहेंगे. चोरी होने पर उसकी ज़िम्मेदारी बैंक की होगी. अगर घर पर रखते हैं और वह सामान चोरी हो जाता है तो उसकी ज़िम्मेदारी ख़ुद की होगी. बैंक लॉकर में रखे सामान का अगर किसी भी तरह का नुक़सान होता है तो बैंक इसकी ज़िम्मेदारी लेगा. जरा सोचिए क्या होगा अगर बैंक में रखी ज्वेलरी और क़ीमती सामान ग़ायब हो जाए, चोरी हो जाए या फिर उसे दीमक लग जाए. इसकी भरपाइ कौन करेगा? नियम क्या है? आइए जानते हैं. 


बैंक की होगी जिम्मेदारी


आप अक्सर देखते होंगे कि अगर आप किराया पर कोई चीज लेते हैं. वह चाहें कार हो, बाइक हो या फिर कोई घर. उसके लिए आपको एक क़ीमत चुकानी होती है. वैसे ही अगर आप कोई सामान या कीमती चीज बैंक लॉकर में रखते हैं, तो बैंक इसके लिए आपसे एक चार्ज वसूलते हैं. यह चार्ज RBI के नियम के मुताबिक़ होता है. साथ ही बैंकों की उस सामान की जवाबदेही हो जाती है, अगर उस सामान को किसी भी तरह का नुक़सान पहुँचता है.


मिलता है 100 गुना हर्जाना


RBI ने इस साल के शुरुआत में बैंक लॉकर को लेकर कुछ नए नियम लागू किए थे, जिसके बाद से बैंक की जवाबदेही और अधिक बढ़ गई थी. फ़रवरी में लागू हुए बैंक लॉकर के नए नियम के मुताबिक, बैंक लॉकर में कोई Cash, ज्वैलरी या कोई दूसरी क़ीमती सामान व दस्तावेज़ रखता है और किसी भी तरह का उस सामान को नुकसान पहुंचता है तो ग्राहकों को उस सामान का सौ गुना तक हर्ज़ाना मिल सकता है. यानि कि बैंक लॉकर में रखी क़ीमती चीज़ के बदले ग्राहक को सौ गुना हर्ज़ाना भरेगा. क्योंकि अगर बैंक में ऐसी स्थिति होती है तो वह बैंक की लापरवाही समझी जाएगी. यानि कुल मिलाकर आप देखें तो अगर बैंक में आप कोई सामान रखते हैं तो RBI के नए नियम के मुताबिक़ वह पूरी तरह से सुरक्षित है 


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