UPSC में सेलेक्ट तो 933 हुए हैं... लेकिन IAS अफसर सिर्फ इतने लोग ही बन पाएंगे!
UPSC Exam Result: यूपीएससी सिविल सर्विसेज के नतीजे जारी कर दिए गए हैं और 933 उम्मीदवारों की नियुक्ति के लिए नामों को सेलेक्शन हुआ है. इसमें सिर्फ कुछ कैंडिडेट ही आईएएस बन पाएंगे.
संघ लोक सेवा आयोग ने सिविस सर्विसेज परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिए हैं. इस बार 933 उम्मीदवारों के चयन के लिए सिफारिश की गई है और इस परीक्षा में इशिता किशोर ने पहला स्थान किया है. अक्सर यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा को लेकर लोगों का मानना होता है कि जो भी इस परीक्षा में पास होता है, वो आईएएस बनता है, लेकिन ऐसा नहीं है. सिविल सर्विसेज परीक्षा में पास होने वाले उम्मीदवारों में से भी कुछ उम्मीदवार आईएएस पद पर नियुक्त होते हैं जबकि अन्य कैंडिडेट्स आईपीएस, आईआरएस, आईएफएस जैसे पदों पर नियुक्त होते हैं.
तो आज हम आपको बताते हैं कि यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों में कितने लोग आईएएस बनते हैं और ये कैसे तय होता है कि कौन आईपीएस बनेगा और कौन आईएएस.
कितने कैंडिडेट्स बनेंगे आईएएस?
अगर आईएएस बनने की बात करें तो इस साल 933 उम्मीदवारों में से 183 उम्मीदवारों को आईएएस का पद मिलेगा, जब अन्य कैंडिडेट्स की अन्य पदों पर नियुक्ति होगी. वैसे भी हर साल 180 के करीब कैंडिडेट्स को ही आईएएस बनाया जाता है. इससे पहले बसवान समिति ने भी सुझाव दिया था कि आईएएस रिक्तियों की संख्या 180 से अधिक नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इसमें लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में प्रशिक्षण की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है. साथ ही ये भी माना जाता है कि अगर ज्यादा आईएएस बनते हैं तो इसका असर IAS अधिकारियों के करियर पिरामिड पर भी पड़ सकता है.
933 में कैसे हुआ है सेलेक्शन?
बता दें कि 933 उम्मीदवारों में 345 उम्मीदवार जनरल कैटेगरी से हैं, 99 कैंडिडेट्स इकोनॉमिक वीकर सेक्शन से हैं, 263 ओबीसी से हैं, 154 एससी से हैं और 72 कैंडिडेट्स एसटी वर्ग से हैं. 933 कैंडिडेट्स में से 613 पुरुष और 320 महिलाए हैं. आयोग की ओर से तीन चरण में 2589 लोगों को इंटरव्यू के लिए बुलाया था. इसके अलावा इस बार 1011 पदों के लिए उम्मीदवारों से आवेदन मांगे गए थे.
कैसे होता है आईएएस का सेलेक्शन?
ये कई चीजों पर निर्भर करता है कि आखिर कौन उम्मीदवार आईएएस बनेगा. पहले उम्मीदवारों से प्राथमिकता पूछी जाती था और फिर उनकी रैंक के आधार पर बंटवारा कर दिया जाता था. कई लोगों को मानना है कि टॉप रैंकर्स को आईएएस बनाया जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है. टॉप रैंकर्स से उनकी प्राथमिकता पूछी जाती है और उसके आधार पर रैंक दी जाती है. जैसे कई टॉप रैंकर्स आईपीएस बनना चाहते हैं तो उन्हें आईपीएस बनाया जाता है. इसके अलावा स्लॉट में बाकी रही पोस्ट के आधार पर भी नियुक्ति कर दी जाती है.
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