UPSC एग्जाम में पास होने वाले बनेंगे IAS, IPS, IFS और IRS ऑफिसर, जानिए एक दूसरे से कितने अलग होते हैं ये पद?
दरअसल IAS और IPS ये दोनों ही पद खास अधिकारों वाले होते हैं यानी इन पदों पर कार्यरत लोगों के पास कई सारे स्पेशल राइट्स होते हैं. इन्हें लोक सेवा अधिकारी भी कहा जाता है.
UPSC Civil Services: आज यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) ने सिविल सर्विस एग्जाम का रिजल्ट घोषित कर दिया है. CSE 2022 में इस बार इशिता किशोर ने टॉप किया है. जैसा कि आप जानते हैं कि यूपीएससी की सिविल सर्विस एग्जाम में सबसे पहले 'प्री' होता है, फिर मेंस होता है और फिर अंत में इंटरव्यू होता है. इन तीनों में पास होने वाले लोगों को ही IAS, IPS और IFS ऑफिसर चुना जाता है. कई लोगों को इन पदों पर कार्यरत लोगों के काम या वेतन के बारे में मालूम नहीं होता है. वो अक्सर इस कन्फ्यूजन में रहते हैं कि IAS, IPS, IFS और IRS का काम आखिर क्या होता है और इनमें से सबसे बड़ा पद कौन सा होता है. आज हम उनकी यही कन्फ्यूजन दूर करेंगे.
दरअसल IAS और IPS ये दोनों ही पद खास अधिकारों वाले होते हैं यानी इन पदों पर कार्यरत लोगों के पास कई सारे स्पेशल राइट्स होते हैं. इन्हें लोक सेवा अधिकारी भी कहा जाता है. ये दोनों ही पद अपने आप में खास होते हैं. हालांकि इनपर काम करने वाले अधिकारियों की भूमिकाएं अलग-अलग होती हैं. सिर्फ इतना ही नहीं, इनके वेतन में भी काफी अंतर देखा जाता है. जो व्यक्ति सिविल सर्विस एग्जाम पास करता है, उन्हीं की इन पदों पर नियुक्ति की जाती है.
IAS
इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (IAS): सिविल सर्विस के एग्जाम में सबसे उच्च स्थान प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को ही IAS नियुक्त किया जाता है. लेकिन कई बार टॉप रैंक हासिल करने वाले उम्मीदवारों का झुकाव IPS और IFS होता है, इसलिए IAS की पोस्ट निचले रैंक वाले उम्मीदवारों को भी मिल जाती है. एक IAS ऑफिसर के पास पूरे डिस्ट्रिक्ट के सभी डिपार्टमेंट्स की रिस्पॉन्सिबिलिटी होती है. जिलाधिकारी के तौर पर वो काफी पॉवरफुल व्यक्ति होता है. वो पुलिस डिपार्टमेंट के साथ-साथ कई दूसरे डिपार्टमेंट्स का भी मुखिया माना जाता है. धारा 144 लगाने का फैसला, भीड़ पर कार्रवाई करने का फैसला या फिर किसी तरह की फायरिंग का फैसला आदि जैसे लॉ एंड आर्डर से जुड़े सभी फैसले जिलाधिकारी देता है.
IPS
इंडियन पुलिस सर्विस (IPS): IAS की तरह ही IPS बनने के लिए भी उम्मीदवारों को कड़ी मेहनत करनी होती है. इसके लिए भी यूपीएससी की सिविल सर्विस एग्जाम में अच्छी रैंक हासिल करनी होती है. अच्छी रैंक हासिल करने वालों को आईपीएस ऑफिसर बनाया जाता है. आईपीएस ऑफिसर के पास ही डिस्ट्रिक्ट यानी जिले के सभी पुलिस अधिकारी हाजिरी लगाते हैं, जिसमें SP, DSP शामिल होते हैं. आईपीएस ऑफिसर जिले के सभी कामकाजों का प्रभारी होता है. वो पुलिस व्यवस्था में कोई गड़बड़ी दिखने पर समाधान खोजने का काम करता है. अपने इलाके में शांति कायम करने की जिम्मेदारी भी उसकी होती है. लॉ एंड ऑर्डर में सुधार करना और अपने इलाके के लोगों की सुरक्षा करना भी उसकी रिस्पॉन्सिबिलिटीज़ हैं.
IFS
इंडियन फॉरेन सर्विस (IFS): IFS ऑफिसर का दायरा एक IAS ऑफिसर से बड़ा होता है. क्योंकि ये अधिकारी विश्व मंचों पर देश को रिप्रेजेंट करने का काम करते हैं. इन अधिकारियों द्वारा किए गए कामों का प्रभाव सीधे देश की छवि पर पड़ता है. IFS ऑफिसर बनने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी इंग्लिश लेंग्वेंज की नॉलेज होना है. ऐसा इसलिए क्योंकि इन्हें दूसरे देशों के राजदूतों, नेताओं और अधिकारियों से बातचीत करनी होती है. विदेशों में मौजूद भारतीय लोगों की मदद करने का काम भारतीय दूतावास करता है, जो असर में IFS ऑफिसर का काम होता है. यही ऑफिसर होते हैं, जो राजनयिक और राजदूत के तौर पर भी काम करते हैं. IFS ऑफिसर का काम दोनों देशों के मध्य अच्छे और सुखद संबंध स्थापित करना और किसी भी तरह की खलिश को दूर करना होता है.
IRS
इंडियन रेवेन्यू सर्विस (IRS): IAS, IPS, IFS के अलावा सिविल सर्विस एग्जाम पास करने के बाद IRS ऑफिसर भी बना जा सकता है. IRS ऑफिसर फाइनेंस मिनिस्ट्री में रेवेन्यू डिपार्टमेंट के तहत काम करता है. IRS का पद भी कोई साधारण पद नहीं है. IRS ऑफिसर कस्टम डिपार्टमेंट और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ जुड़े होते हैं. ये ऑफिसर्स टैक्स पॉलिसी को तैयार करने की एडवाइज देते हैं. इससे जुड़ीं नीतियां और नियमों को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं, IRS ऑफिसर अपने राष्ट्र की खुफिया एजेंसियों से जुड़कर देश की रक्षा भी करते हैं.
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