समुद्र में एलियन महामारी...वैज्ञानिकों ने कहा इसे रोकने का कोई तरीका नहीं
समुद्री अर्चिन एक तरह का जीव है जो समुद्र के नाजुक इकोसिस्टम को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है. काले रंग का गोल और कांटेदार ये जीव समुद्र की गहराइयों में पाया जाता है.
दुनिया का एक तिहाई हिस्सा समुद्र से घिरा हुआ है. ऐसे में अगर समुद्र में कोई ऐसी बीमारी फैलती है, जिसका इलाज वैज्ञानिकों के पास ना हो तो ये बात डराने वाली है. खासतौर से उन लोगों के लिए जिनका पूरा जीवन समुद्र पर ही निर्भर है. समुद्री अर्चिन ऐसी ही एक महामारी है, जो अब लाल सागर से आगे निकल कर हिंद महासागर में अपने पांव पसार रही है.
क्या है ये महामारी?
इजरायल के तेल अवीव यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स की करंट बायोलॉजी जर्नल में एक स्टडी छपी है. इस स्टडी में बताया गया है कि कैसे समुद्र एक भयानक महामारी की चपेट में है. इस महामारी का नाम है आर्चिन महामारी, जो अब लाल सागर से फैलते हुए पश्चिमी हिंद महासागर में अपने पांव पसार रही है. इस महामारी की वजह से लाल सागर में समु्द्री अर्चिन लगभग खत्म हो गए हैं. वैज्ञानिकों को डर है कि ये महामारी अब हिंद महासागर में भी फैल जाएगी और इससे इंसानों के जीवन पर भी गंभीर संकट खड़ा हो सकता है.
समुद्री अर्चिन है क्या?
समुद्री अर्चिन एक तरह का जीव है जो समुद्र के नाजुक इकोसिस्टम को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है. काले रंग का गोल और कांटेदार ये जीव समुद्र की गहराइयों में पाया जाता है. इस जीव का मुख्य काम कोरल रीफ को बचाए रखना होता है. अगर ये जीव समु्द्र से पूरी तरह खत्म हो गए तो कोरल रीफ पर भी खतरा आ जाएगा और फिर ऐसे में इंसानों पर इसका बुरा प्रभाव देखने को मिल सकता है.
महामारी का इलाज नहीं
शोधकर्ताओं की मानें तो पहली बार ये महामारी लगभग एक साल पहले अकाबा की खाड़ी में देखी गई थी. पता लगने के दो हफ्तों के भीतर ये महामारी 70 किलोमीटर तक फैल गई. वैज्ञानिकों की मानें तो कोई अर्चिन जब इसका शिकार होता है तो कुछ ही दिनों में वह कंकाल में बदल जाता है. शोधकर्ताओं के पास फिलहाल इस बीमारी से बचने का कोई तरीका नहीं है.