US Election: क्या भारतीय मूल का कोई शख्स बन सकता है अमेरिका का राष्ट्रपति? अगर नहीं तो कमला हैरिस कैसे लड़ रहीं चुनाव
US Election Rules: अमेरिका में चुनाव प्रचार के बाद अब चुनाव की तारीख सामने आ गई है, कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच सीधी टक्कर है. ऐसे में इस चुनाव के कुछ नियम जानने जरूरी हैं.
US Election Rules: दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका में चुनाव को लेकर माहौल गरम है. अब एक दिन बाद यानी 5 नवंबर को यहां वोटिंग होने जा रही है. रिपब्लिक पार्टी से डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी से कमला हैरिस चुनावी मैदान में हैं. दोनों के बीच कड़ी टक्कर हो रही है. आज हम अमेरिकी चुनाव को लेकर आपको कुछ ऐसी जानकारी दे रहे हैं, जिसके बारे में शायद ही आपको पता होगा. अमेरिका में चुनाव लड़ने के कुछ नियम हैं. जिनमें नागरिकता को लेकर भी एक नियम है. ये भी नियम है कि दूसरे देश का शख्स राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकता है. ऐसे में अगर किसी दूसरे देश का शख्स राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ सकता है तो कमला हैरिस कैसे ये चुनाव लड़ रही हैं?
कैसे चुनाव लड़ रहीं कमला?
दरअसल अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के कुछ नियम बनाए गए हैं. जिनमें एक नियम ये भी है कि राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार अमेरिका में ही पैदा हुआ होना चाहिए, यानी कोई भारत से अमेरिका जाकर राष्ट्रपति पद का दावेदार नहीं बन सकता है. यानी बॉर्न सिटिजन ही अमेरिका का राष्ट्रपति हो सकता है. अब अगर राष्ट्रपति उम्मीदवार कमला हैरिस की बात करें तो वो भले ही भारतीय मूल की हैं, लेकिन वो भारत में पैदा नहीं हुईं. यानी वो जन्म से ही अमेरिका की नागरिक हैं. यही वजह है कि उनके चुनाव लड़ने में कोई भी दिक्कत नहीं है.
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ये भी हैं चुनाव लड़ने की शर्तें
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के कुछ और नियम भी हैं, उन्हें भी जानना जरूरी है. अमेरिका में आप 35 साल की उम्र के बाद ही राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकते हैं. इसके अलावा आपको कम से कम 14 साल तक अमेरिका का निवासी होना जरूरी है. हालांकि भारत में ऐसा नहीं है, भारत में विदेश में जन्म लेना वाला भी प्रधानमंत्री या फिर राष्ट्रपति चुना जा सकता है. हालांकि बाकी कुछ प्रक्रिया काफी हद तक भारत की तरह ही है.
दो पार्टियों का ही दबदबा
अमेरिका में आमतौर पर रिपब्लिक और डेमोक्रेटिक दो ही पार्टियों के बीच मुकाबला देखा जाता है, बाकी दल भी मैदान में उतरने की कोशिश करते हैं, लेकिन कभी भी उन्हें जनता ने मौका नहीं दिया. अमेरिका में किसी भी उम्मीदवार के लिए 270 इलेक्टोरल वोट का आंकड़ा छूना जरूरी होता है, इसे वहां का जादुई आंकड़ा भी कह सकते हैं. यानी जिस राष्ट्रपति उम्मीदवार ने ये आंकड़ा पार कर लिया, उसकी सरकार बनना लगभग तय है.
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