US Mass Shooting: अमेरिका में मास शूटिंग की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, बाइडेन सरकार के तमाम दावों के बीच एक बार फिर एक सिरफिरे ने कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया. अमेरिका के ल्यूइस्टन शहर में अंधाधुंध फायरिंग कर एक शख्स ने 22 लोगों की हत्या कर दी. इस गोलीबारी की घटना में 50 से ज्यादा लोग घायल भी हो चुके हैं. इसी बीच एक बार फिर गन कल्चर को लेकर बहस शुरू हो गई है. ये तो हम सभी जानते हैं कि अमेरिका में बंदूक खरीदना कपड़े खरीदने जैसा ही आसान है. इसीलिए आज हम आपको अमेरिका नहीं बल्कि भारत में बंदूक रखने के नियमों की जानकारी दे रहे हैं. 


काफी मुश्किल है भारत में बंदूक रखना
अमेरिका की तरह भारत में बंदूक रखना इतना आसान नहीं है. यही वजह है कि यहां मास शूटिंग जैसी घटनाएं देखने को नहीं मिलती हैं. भारत में बंदूक रखने के लिए लाइसेंस जरूरी है और ये लाइसेंस बनाने के लिए लोगों के जूते तक घिस सकते हैं. कुल मिलाकर कोई भी आम लोग जाकर बंदूक नहीं खरीद सकते हैं और इसका लाइसेंस नहीं बनवा सकते हैं. 


क्या हैं लाइसेंस के नियम?
आर्म्स एक्ट 1959 के तहत बंदूक रखने का लाइसेंस दिया जाता है. यानी अगर किसी शख्स को आत्मरक्षा के लिए बंदूक रखने की जरूरत है तो वो जिला प्रशासन से इसकी मांग कर सकता है. इसके लिए उम्र का दायरा भी है, लाइसेंस लेने वाली की उम्र 21 साल या उससे ज्यादा होनी चाहिए. 


अब आप सोच रहे होंगे कि ये तो काफी आसान प्रोसेस है कि जिला प्रशासन को आवेदन दो और लाइसेंस मिल जाएगा... लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है, जब तक आपके पास कोई बड़ा कारण नहीं होगा आपको लाइसेंस नहीं दिया जाएगा. आपको ये साबित करना होगा कि आपको जान का खतरा है और आप क्यों हथियार रखना चाहते हैं. अगर आपके खिलाफ कोई केस दर्ज है तो आपको लाइसेंस नहीं दिया जाएगा. इसके अलावा मानसिक तौर पर आप एकदम फिट होने चाहिए.


आमतौर पर जिला अधिकारी या फिर कमिश्नर की तरफ से ऐसे लाइसेंस जारी किए जाते हैं. इस दौरान आपको आप किस तरह का हथियार खरीदना चाहते हैं. इस पूरी प्रक्रिया में लोकल पुलिस और एलआईयू का भी बड़ा योगदान होता है, जो ये पुख्ता करते हैं कि लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले शख्स का चरित्र कैसा है. 


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