विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर के प्रसाद में घटिया सामग्री और पशु चर्बी के कथित उपयोग का मामला चर्चा का विषय मना है. देश-विदेश में जहां पर जो भी इस खबर को सुन रहा है, वो आश्चर्यचकित हो रहा है. लेकिन सवाल ये है कि किसी भी खाने की चीजों में एनिमल फैट की मिलावट कैसे होती है और इसकी पहचान क्यों नहीं हो पाती है. आज हम आपको एनिमल फैट के बारे में बताएंगे.


तिरुपति मंदिर


आंध्र प्रदेश के तिरुपति स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर में देश-विदेश से लोग दर्शन करने और प्रसाद ग्रहण करने के लिए आते हैं. लेकिन प्रसाद के लड्डू में एनिमल फैट की खबर आग की तरफ दुनियाभर में फैल रही है. आम इंसान से लेकर संत और सन्यासी इस पर आश्चर्यचकित होकर जांच की मांग कर रहे हैं. 


बता दें कि चंद्रबाबू नायडू सरकार ने गुरुवार को एक रिपोर्ट जारी की थी, इसमें दावा किया गया है कि तिरुपति मंदिर में श्रद्धालुओं को बांटने के लिए जो लड्डू तैयार किए जाते हैं, उनमें इस्तेमाल हुए घी में 3 जानवरों का फैट मिला है. लड्डू बनाने के लिए बेसन, देसी घी, काजू, किशमिश, इलायची और चीनी का इस्तेमाल होता है. लेकिन रिपोर्ट दावा करती है कि लड्डू में इस्तेमाल हुए घी में फॉरिन फैट भी मिला है. लड्डुओं के लिए इस्तेमाल हुए घी में भैंस की चर्बी, फिश ऑयल और सूअर की चर्बी की मिलावट पाई गई है. 


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तिरुपति मंदिर का प्रसाद?


चंद्रबाबू नायडू सरकार ने सेंटर ऑफ एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड (CALF) की रिपोर्ट शेयर की है. रिपोर्ट में तिरुपति के प्रसाद लड्डू में इस्तेमाल होने वाली घी में कई सारे वेजिटेबल फैट और एनिमल फैट होने का दावा किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, लड्डुओं में सोयाबीन, सनफ्लोवर, ऑलिव, रेपसीड, लिसीड, व्हीट जर्म, मेज जर्म, कॉटन सीड, कोकोनट, पाम कर्नल, पाम ऑयल पाया गया है. इसके साथ ही इसमें बीफ टैलो, लार्ड और फिश ऑयल जैसे एनिमल फैट की मिलावट भी मिली है.


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फॉरिन फैट 


अब समझते हैं कि एनिमल फैट क्या होता है और इसका कैसे इस्तेमाल होता है. बता दें कि जब किसी डेयरी प्रोडक्ट को बनाने के लिए नॉन डेयरी प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है, उसे फॉरेन फैट कहा जाता है. बता दें कि भैंस, भेड़, बकरी, गाय और हिरण जैसे जुगाली करने वाले जानवरों की चर्बी यानी फैट को बीफ टैलो कहते हैं. यह नॉर्मल टेंपरेचर पर एक सफेद रंग की चर्बी होती है. इस चर्बी को इन जानवरों के रंप रोस्ट, पसलियों और स्टेक के टुकड़ों से निकाला जाता है. इस फैट को उबालकर घी की तरह बनाया जाता है. विदेशों में ये काफी खाया जाता है. वहां कई लोग ब्रेड में मक्खन के तौर पर बीफ टैलो का इस्तेमाल करते हैं. 


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कैसे होगी पहचान शुद्ध है या मिलावटी?


अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर शुद्ध और मिलावटी की पहचान कैसे होती है. बता दें कि घी शुद्ध है या उसमें एनिमल फैट मिला हुआ है, ये पहचानना आसान नहीं है. क्योंकि मिलावट करने वाली कंपनियां इसको इस तरीके से मिलाकर पेश करती हैं, जिसको पहचानना मुश्किल होता है. वहीं हर चीज का लैब टेस्ट होना भी मुमकिन नहीं है. हालांकि कई बार बार अपनी सूंघने की शक्ति का इस्तेमाल करके पता करने की कोशिश कर सकते हैं. इसके अलावा एक सफेद कागज पर एक चम्मच घी फैला देना चाहिए. इसे कुछ देर ऐसे ही रहने दें. वहीं अगर आप कागज पर कोई धब्बा देखते हैं, तो समझ जाइए कि आपके घी में मिलावट है. क्योंकि शुद्ध घी कोई दाग या धब्बा नहीं छोड़ता है.


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