इतिहास के पन्नों में कई ऐसे शासक दर्ज हैं जिन्होंने ऐसे-ऐसे अनोखे काम किए हैं, जिनकी कल्पना करना भी लगभग नामुमकिन है. आज हम आपको एक ऐसे ही शासक के बारे में बताएंगे जो अपने खाने में जहर पीता था और उसे इतिहास का सबसे जहरीला शासक कहा जाता है. इस शासक का नाम महमूद बगेड़ा है. महमूद का रहन-सहन और खान-पान इतना ज्यादा डरा देने वाला था कि उससे उसके रिश्तेदार और करीबी भी डरते थे. महज़ 13 साल की उम्र में गुजरात की गद्दी संभालने वाला महमूद शाह प्रथम जिसे बाद में महमूद बगेड़ा के नाम से जाना गया, ने गुजरात पर 52 साल की उम्र तक शासन किया.


क्यों पीता था जहर


कहा जाता है कि महमूद को धोखे से मारने के लिए किसी ने एक बार उसे जहर पिला दिया था. इसी के बाद से उसने ठान लिया कि वह अपने शरीर पर ऐसे प्रयोग करेगा कि उस पर जहर का कभी असर ही नहीं पड़ेगा. यही वजह है कि वह बचपन से ही अपने खाने के साथ जहर भी पीने लगा और इतना जहरीला हो गया कि अगर उस पर कोई मक्खी बैठ जाती थी तो वह मर जाती थी. इतिहास में जहां तक कहा गया है कि उस शासक के साथ अगर कोई महिला संबंध बनाती थी तो उसकी भी मौत हो जाती थी. इस बात का जिक्र पुर्तगाली यात्री बाबोसा की किताब 'द बुक ऑफ़ ड्यूरेटे बाबोसा वॉल्यूम 1' में किया गया है.


1 दिन में खा जाता था 35 किलो खाना


महमूद बगेड़ा शरीर से बिल्कुल हष्ट पुष्ट था. यह सनकी शासक 1 दिन में 35 किलो तक खाना खा जाता था. प्रशासक के बस्तर के अगल-बगल हमेशा खाने की चीजें रहती थी और उसे जब भी भूख लगता था तब वह कुछ ना कुछ खाता रहता था. भयानक दिखने के लिए महमूद ने अपनी दाढ़ी और मूंछों को बहुत बड़ा कर रखा था. यहां तक कि उसके दरबार की सभी दरबारी भी उसी की तरह वेशभूषा बनाकर रहते थे. कहा जाता है कि गुजरात के पावागढ़ में जो काली माता का मंदिर था उसके शेखर को तोड़कर महमूद ने वहां पर पीर सदन शाह की दरगाह बना दी थी. इसी मंदिर में पिछले 500 सालों के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ध्वज फहराया था.


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