Uttarakhand Foundation Day: 9 नवंबर को हर साल उत्तराखंड स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है. साल 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग हुए उत्तराखंड को एक अलग राज्य का दर्जा मिला था. इसके बाद से राज्य की अलग विधानसभा बनी, जिसमें फिलहाल 70 सदस्य हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि उत्तराखंड में पिछले 24 सालों में विधायकों की सैलरी में कितनी अंतर आया है और विधायकों की सैलरी कितनी बढ़ी है. चलिए जानते हैं.
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उत्तराखंड में 24 सालों में कितनी बदली विधायकों की सैलरी?
जब उत्तराखंड राज्य बना, तो इसे एक नया राजनीतिक और प्रशासनिक ढांचा मिला. उस समय राज्य के विधायकों को मिलने वाली सैलरी और भत्ते बहुत ही कम थे. हालांकि, समय के साथ राज्य में बढ़ती महंगाई, बढ़ती ज़िम्मेदारियों और विधायकों की कार्यकुशलता को देखते हुए, उनकी सैलरी में कई बार बढ़ाई गई है.
2000 में उत्तराखंड विधायकों की सैलरी
उत्तराखंड राज्य की स्थापना के समय, 2000 में विधायकों को एक महीने में 13,000 रुपये का वेतन मिलता था. इसके अलावा, उन्हें कुछ भत्ते और अन्य सुविधाएं भी मिलती थीं. उस समय यह सैलरी और सुविधाएं राज्य के वित्तीय हालात और महंगाई को ध्यान में रखते हुए तय की गई थीं.
2004 में सैलरी में वृद्धि
उत्तराखंड के राज्य बनने के बाद जब राज्य में प्रशासनिक कामकाज शुरू हुआ, तब कुछ जरुरी सुधार किए गए. 2004 में विधायकों की सैलरी में वृद्धि की गई, जिससे उन्हें 22,000 रुपये मासिक वेतन मिलने लगा. इसके अलावा विधायकों को मिलने वाले अन्य भत्तों और सुविधाओं में भी वृद्धि की गई, जिससे उनकी कार्यशक्ति और राज्य की सेवा में सुधार हुआ.
2012 में सैलरी में और वृद्धि
2012 में उत्तराखंड में विधायकों की सैलरी में फिर से वृद्धि की गई। इस समय, राज्य की सरकार ने मासिक सैलरी को 40,000 रुपये तक बढ़ाने का निर्णय लिया. इस समय सरकार ने यह निर्णय लिया था कि विधायकों को उनकी कार्यशक्ति, समय और जिम्मेदारी के अनुसार उचित वेतन मिलना चाहिए, ताकि वो राज्य की सेवा में बेहतर तरीके से काम कर सकें. इसके साथ ही उनकी सुविधाओं और भत्तों में भी वृद्धि की गई, जिसमें यात्रा भत्ता, आवास भत्ता और अन्य लाभ शामिल थे.
2016 में सैलरी में 1 लाख रुपये तक की बढ़ोतरी
2016 में उत्तराखंड विधानसभा ने विधायकों की सैलरी में एक ऐतिहासिक वृद्धि की. इस बार विधायकों को मिलने वाली सैलरी को 1 लाख रुपये प्रति माह तक बढ़ा दिया गया. इसके अलावा, विधायकों को मिलने वाले अन्य भत्तों और पेंशन के प्रावधानों को भी संशोधित किया गया. इस निर्णय के पीछे मुख्य कारण राज्य में बढ़ती महंगाई और राज्य के विधायकों की बढ़ती कार्यशक्ति थी. 2016 में किए गए सुधारों के तहत, विधायकों को ज्यादा सुविधाएं प्रदान की गईं ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभा सकें.
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2020 में और वृद्धि
2020 में उत्तराखंड के विधायकों की सैलरी में एक और बढ़ोतरी की गई, जो 1 लाख रुपये से ज्यादा हो गई. अब विधायकों को लगभग 1.2 लाख रुपये प्रति माह का वेतन मिलने लगा. इसके अलावा विधायकों को मिलने वाले अन्य भत्तों और पेंशन की राशि में भी इजाफा हुआ था. इस बार विधायकों को यात्रा भत्ते, राज्यसभा और विधानसभा के लिए दी जाने वाली राशि में भी वृद्धि की गई.
2023 में सैलरी में फिर से वृद्धि
उत्तराखंड में 2023 में एक और निर्णय लिया गया जिसमें विधायकों की सैलरी को और बढ़ाया गया. इस दौरान विधायकों की सैलरी लगभग 2.90 लाख रुपये कर दी गई.
2024 में की फिर बढ़ी विधायकों की सैलरी?
इस साल अगस्त में लगभग चार लाख रुपये प्रति माह कर दिया गया. इसके साथ ही विधायकों के लिए अन्य भत्तों और सुविधाओं में भी वृद्धि की गई, जो उन्हें कार्यों को और बेहतर तरीके से करने के लिए प्रेरित करते हैं. इसके पहले विधायकों को 2.90 लाख रुपये मिलते थे.
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