Uttarakhand Tunnel Collapse: मलबे में दबने के बाद कितने दिन तक जिंदा रह सकता है इंसान?
Uttarakhand Tunnel Collapse: अगर कोई इंसान भूकंप या फिर किसी जगह के धंसने के बाद मलबे में फंस जाता है तो उसे जिंदा रखने में कई चीजें अहम रोल निभाती हैं.
Uttarakhand Tunnel Collapse: जब पूरा देश दिवाली का त्योहार मना रहा था, ठीक तभी एक ऐसी खबर आई जिसने सभी को दुखी कर दिया. उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल धंसने के चलते 40 मजदूर उसमें दब गए, जिन्हें रेस्क्यू करने के लिए अब तक ऑपरेशन जारी है. उम्मीद जताई जा रही है कि सभी मजदूरों को जिंदा निकाल लिया जाए. इसी बीच हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि कोई भी इंसान मलबे में दबने के बाद कितने दिनों तक जिंदा रह सकता है...
ऐसे रहते हैं जिंदा रहने के आसार
जब कोई भी इंसान किसी आपदा का शिकार होता है और मलबे में दब जाता है तो कई चीजें इसमें मायने रखती हैं. यानी अगर मलबा भारी है और इंसान के ठीक ऊपर गिरा है तो अगले कुछ ही घंटे में उसकी मौत हो सकती है. भूकंप जैसी आपदा में अक्सर ऐसा होता है. वहीं अगर कोई मलबे में दबा नहीं है, बल्कि फंस गया है तो उसके कुछ दिनों तक जिंदा होने के आसार रहते हैं.
कितने दिन तक जिंदा रह सकता है इंसान
मलबे में दबे किसी इंसान के जिंदा रहने की संभावना उस बात पर भी निर्भर करती है कि उसे कितनी ऑक्सीजन मिल पा रही है, अगर वो चारों तरफ से मलबे से घिरा है तो वहां कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा बढ़ती रहेगी और दम घुटने से उसकी मौत हो सकती है. अब अगर कोई घायल है और उसके पास ऑक्सीजन पहुंच रही है और स्पेस भी है तो ऐसे में उसे पानी की कमी मार सकती है. बिना पानी के एक आम इंसान तीन दिन और ज्यादा से ज्यादा 7 दिन तक जिंदा रह सकता है.
आमतौर पर नियम ये कहता है कि अगर पहले या दूसरे दिन कोई जिंदा नहीं निकला तो रेस्क्यू ऑपरेशन को पांच से सात दिनों के भीतर बंद किया जाना चाहिए. यानी 7 दिनों तक इंसानों के जिंदा रहने की उम्मीद बची होती है. हालांकि ऐसा नहीं है कि इससे ज्यादा दिनों के बाद लोग जिंदा नहीं निकले हैं, कई मामलों में देखा गया है कि दो से तीन हफ्ते के बाद भी लोगों को जिंदा मलबे से निकाला गया. मई 2013 में बांग्लादेश में एक फैक्ट्री के गिर जाने के बाद उसमें दबी महिला को 17 दिन बाद बाहर निकाला गया था. वहीं बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, हैती में भूकंप के बाद मची तबाही में एक इंसान को 27 दिन बाद जिंदा निकाला गया था.