कश्मीर की ठंड में भी गर्मी का अहसास कराएगी वंदे भारत एक्सप्रेस, नई ट्रेन में कर दिया गया कुछ ऐसा
कश्मीर घाटी का सफर आरामदेह हो इसके लिए पहली ट्रेन के रूप में वंदे भारत को चुना गया है. वंदे भारत ट्रेन में खास फीचर्स जोड़े गए हैं, जो ठंडक में भी यात्रियों को गर्मी का अहसास कराएगी.

कन्याकुमारी से कश्मीर तक रेलवे लाइन के माध्यम से देश को जोड़ने के लिए शुरू किए गए महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट USBRL का काम अब लगभग पूरा हो चुका है. जल्द ही दिल्ली से चलकर ट्रेनें सीधे कश्मीर घाटी तक पहुंचने लगेंगी. इसके लिए पहली ट्रेन के रूप में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को चुना गया है, लेकिन कश्मीर घाटी की बर्फ़बारी और जीरो डिग्री से नीचे के तापमान को देखते हुए इसमें कई नए फ़ीचर्स भी जोड़े गए हैं.
USBRL प्रोजेक्ट हो गया लगभग पूरा
कश्मीर की ओर जाने वाली ट्रेनें अभी तक सिर्फ कटरा तक जाती हैं, इसके बाद रेलवे लाइन बिछाने का काम सामरिक महत्व वाले USBRL प्रोजेक्ट के तहत होना था, जो अब लगभग पूरा हो गया है. बीच में सिर्फ 17 किलोमीटर का हिस्सा रह गया है, जो जल्द ही पूरा हो जाएगा. इसके बाद ट्रेनें उधमपुर, जम्मू, कटरा से रियासी जिले के अंजी ब्रिज और चिनाब ब्रिज से गुजरेंगी और संगलदान और बनिहाल के रास्ते श्रीनगर और बारामूला तक सीधे पहुंच सकेंगी. इससे सड़क मार्ग की तुलना में 6 घंटों की बचत होगी और सफर भी बेहद आसान हो जाएगा.
वंदे भारत ट्रेन से होगा कश्मीर घाटी के सफर का शुभारंभ
कश्मीर घाटी का सफर आरामदेह हो इसके लिए इस रूट पर चलाने के लिए पहली ट्रेन के रूप में वंदे भारत को चुना गया है. जो वंदे भारत ट्रेन कश्मीर के लिए चलाई जाएगी, उसमें खास फीचर्स जोड़े गए हैं, जो ठंडक में भी यात्रियों को गर्मी का अहसास कराएगी. यानी आपका सफर आरामदायक ही होगा.
बर्फबारी में ये आती हैं दिक्क्तें
कश्मीर में ट्रेनों के परिचालन के दौरान बर्फबारी और ज़ीरो डिग्री से नीचे का तापमान एक बड़ी चुनौती है. विंड स्क्रीन पर बर्फबारी से लोको पायलट को आगे का रास्ता दिखना बंद हो जाता है. माइनस तापमान पर ट्वाइलेट की पाइप लाइन तक जम जाती है और यात्रियों का भी ठंड से बुरा हाल होता है.
वंदे भारत में किए गए ये बदलाव
नॉर्दर्न रेलवे के मुख्य सूचना अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि नई वंदे भारत ट्रेन में पायलट केबिन की विंड स्क्रीन को डबल लेयर के कांच से बनाया गया है, जिसके बीच में हीटिंग एलिमेंट लगा है. इससे चिपक जाने वाली बर्फ तुरंत नीचे गिर जाएगी. वाइपर से भी गर्म पानी निकलेगा, जो बची हुई बर्फ और भाप को हटा देगा. नए फ़ीचर्स वाली इस वंदे भारत में लोको पायलट केबिन की कुर्सियां भी अधिक आरामदेह हैं. पूरी ट्रेन में हीटिंग सिस्टम लगा है. इसके हर कोच में उच्च स्तर की थर्मोंस्टेट लेयरिंग की गई है, ताकि माइनस तापमान में भी भीतर का तापमान सामान्य बना रह सके.
टॉयलेट में भी लगा है हीटिंग सिस्टम
वंदे भारत के टॉयलेट में भी हीटिंग के लिए ब्लोवर वेंट लगाए गए हैं, ताकि यात्रियों को तापमान के अंतर से न गुजरना पड़े. पानी की पाइपलाइन को भी सिलिकॉन हीटिंग पैड से इंसुलेटेड किया गया है, यहां तक कि बायो टॉयलेट के बैक्टीरिया ठंड के कारण काम करना बंद न कर दें, इसलिए टॉयलेट टैंक में भी हीटिंग दी गई है, जिससे बदबू का ख़तरा नहीं रहेगा. नई वंदे भारत ट्रेन की खिड़कियों पर भी डबल लेयर्ड कांच लगाया गया है. कोई पत्थर भी मारेगा तो ऊपरी कांच ही टूटेगा और यात्री सुरक्षित रहेंगे.
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