भारत विविधताओं से भरा देश है. यहां रहने वाले लोगों से लेकर शहरो तक के अलग ही रंग हैं. भारत के अलग-अलग शहरों के निकनेम से आप परिचित होंगे. भारतीय शहर अपने मूल नाम के साथ-साथ कई अन्य नामों से भी जाने जाते हैं और इन नामों के पीछे उनके खासियत होती है. आज भारत के एक नए शहर के बारे में जानिए, जिसे ‘City of Light’ भी कहा जाता है. यह शहर रोशनी की खासियत से परिपूर्ण है और काफी फेमस भी है.


कौन-सा है ये शहर?


उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर को ‘City of Light’ भी कहा जाता है. रोशनी का शहर यानी वाराणसी राजनीतिक और भौगोलिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है. भारतीय इतिहास, संस्कृति और परंपराओं के संगम के कारण इस शहर को रोशनी का शहर भी कहा जाता है. इसके पीछे अनेक कारण हैं, जैसे कि यहां की धार्मिकता, शिक्षा, ज्ञान, संस्कृति और तीर्थयात्रियों की भरमार. इस शहर के घाटों पर दीपकों की रौनक से यहां का नाम 'City of Light' पड़ा.


क्यों कहते हैं City of Light?


वाराणसी को काशी भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है 'चमकने के लिए है'. इस शब्द का प्रचलन महाभारत जैसे महाकाव्य में है और संस्कृत शब्द 'काश' से उत्पन्न हुआ है. इसके अलावा, शिव की नगरी के रूप में इस शहर के घाट दीपों से रौशन होते हैं, जिसके कारण इसे 'दीपों का शहर' भी कहा जाता है.


धार्मिक नगरी


वर्तमान में इसे वाराणसी नाम से जाना जाता है, लेकिन इसका पुराना नाम काशी रहा है. कुछ थ्योरीज़ बताती है कि बनारस शब्द की उत्पत्ति इस शहर में संस्कृति, शिक्षा, धर्म और परंपराओं के मिश्रण से हुई है. इस शहर के समृद्ध इतिहास और संस्कृति का मिलन इसे विशेष बनाता है.


वाराणसी में है नदियों का संगम


वाराणसी नदी गंगा के तट पर स्थित है और यहां गंगा नदी में वरूण और असी नदी का संगम होता है, जो इसे रोशनी के शहर के रूप में भी प्रसिद्ध करता है. भारत के इस खास शहर के रूप में वाराणसी का महत्व अनमोल है, जिसे रोशनी की दीप्ति और धार्मिकता से जोड़ा जाता है.


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