दुनियाभर में भारतीय रेलवे चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. भारतीय रेलवे में लाखों लोग हर रोज सफर करते हैं. इसके अलावा बाकी देशों में भी रेल का नेटवर्क लोगों की सहूलियत के लिए बिछा हुआ है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में सबसे छोटा रेल नेटवर्क कहां पर है. आज हम आपको बताएंगे कि दुनिया में सबसे छोटा रेल लाइन कहां पर है, जिसको आप पैदल पार कर सकते हैं.
ये है दुनिया का सबसे छोटा रेल नेटवर्क
बता दें कि दुनिया के सबसे छोटे देश में शुमार वेटिकन सिटी के पास सबसे छोटी रेल लाइन है. जानकारी के मुताबिक इस रेलवे लाइन की लंबाई महज 300 मीटर है. इतनी दूरी को आप आराम से पैदल करीब 2 मिनट के अंदर पैदल पार कर सकते हैं. दरअसल इस रेलवे ट्रैक पर परमानेंट कोई पैसेंजर ट्रेन नहीं चलती है. इसे सिर्फ मालगाड़ी के लिए ही बनाया गया है. इस देश में सिर्फ एक रेलवे स्टेशन है, जिसका नाम सिट्टा वैटिकाना है. जानकारी के मुताबिक ये रेलवे लाइन सन् 1934 में शुरू हुई थी.
बता दें कि वेटिकन सिटी में मौजूद ये रेलवे लाइन 300 मीटर बाद इटली के रोमा सैन पिएट्रो रेलवे स्टेशन से जुड़ जाती है. हालांकि साल 2015 में पहली बार सिट्टा वैटिकानो रेलवे स्टेशन से एक पैसेंजर ट्रेन भी चलनी शुरू हुई थी. यह ट्रेन इटली के कैसल गैन्डोल्फो तक जाती थी और सिर्फ शनिवार को चलती थी. लेकिन ज्यादातर इस ट्रैक पर मालवाहक ट्रेनें ही चलती हैं.
कैसे शुरू हुई थी ट्रेन?
जानकारी के मुताबिक 19वीं सदी में पोप शासित राज्यों को रेलवे से जोड़ने की योजना थी. लेकिन पोप ग्रेगरी XVI ने इस पर रोक लगा दी थी. उनका मानना था कि लोहे की सड़क, नरक की सड़क है. लेकिन 1846 में उनकी मौत के बाद उनके उत्तराधिकारी पोप पायस IX ने एक रेल लाइन का निर्माण शुरू करवाया, लेकिन इसके पूरा होने से पहले ही 1860 में सार्डिनिया साम्राज्य की सेनाओं ने इस क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया था. उसके बाद लगभग 70 साल बाद वेटिकन सिटी में एक रेलवे स्टेशन के निर्माण और इतालवी रेल लाइनों से इसके जुड़ाव की गारंटी 11 फरवरी 1929 की लेटरन संधि द्वारा मिली थी.
कब वेटिकन सिटी पहुंची पहली ट्रेन ?
इटली और वेटिकन सिटी के रेलवे लाइनों के जुड़ाव की संधि के 3 साल बाद ट्रैक तैयार हो गया थी. इसके बाद मार्च 1932 में पहला लोकोमोटिव इंजन वाली ट्रेन ने वेटिकन सिटी में प्रवेश किया था. हालांकि स्टेशन आधिकारिक तौर पर 2 अक्टूबर 1934 को खोला गया था. वहीं स्टेशन भवन का निर्माण 1929 और 1933 के बीच किया गया था, जो उस वक्त सफेद संगमरमर से बना था. वहीं स्टेशन भवन के एक हिस्से का उपयोग यात्री स्टेशन और माल कार्यालय के रूप में होता है, जबकि दूसरे हिस्से में अब वेटिकन मुद्राशास्त्र और डाक टिकट संग्रह संग्रहालय है.
दुनियाभर के सबसे लंबे रेलवे लाइन
बता दें कि सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क अमेरिका, चीन, रूस और अपने भारत के पास है.जानकारी के मुताबिक अमेरिका के पास ढाई लाख किलोमीटर का सबसे लंबा रेलवे नेटवर्क है, वहीं चीन के पास 1 लाख किलोमीटर का रेल नेटवर्क है. इसके अलावा रूस के पास 85 हजार 500 किलोमीटर और भारत के पास 65 हजार किलोमीटर के साथ चौथे सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है.
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