Vestigial Organ: हमारा शरीर एक जटिल संरचना है जो कि तमाम अंगों के संयोजन से बना है. शरीर में पाए जाने वाले अंगों का कोई न कोई काम जरूर है. कई अंग तो ऐसे हैं जो एक से ज्यादा कामों को संपादित करते हैं. लेकिन आपको जानकर हैरत होगी कि हमारे शरीर में कई ऐसे अंग भी है जिसका कोई काम नहीं है. खास बात ये है कि ये अंग आगे चलकर पूरी तरह से लुप्त हो जाएंगे.


हालांकि इंसान के विकास क्रम में इन अंगों का पहले काम रहा होगा लेकिन फिलहाल ये शरीर में सिर्फ अवशेषी अंग ही हैं. इन्हें अगर शरीर से निकाल भी दिया जाए तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा. अपने इस आर्टिकल के जरिए हम आपको उन अंगों के बारे में बताएंगे जिनका कोई काम नहीं है-


अक्ल दाढ़ -


इसे विजडम टीथ भी कहते हैं. दांतों के पिछले हिस्से में पाई जाने वाली अक्ल दाढ़ का कोई उपयोग नहीं है. इंसान के विकास क्रम की शुरुआती अवस्था में आदिम मानव कच्चा मांस खाता था तब इसका महत्व रहा होगा. लेकिन समय के साथ इंसान ने पका मांस और नर्म भोजन खाना शुरू कर दिया. जिससे अक्ल दाढ़ का महत्व खत्म हो गया और अब यह अवशेषी अंग है.


ऑरिक्यूलर मांसपेशियां-


कान की मांसपेशियों को ऑरिक्यूलर मांसपेशी कहा जाता है. यह भी अवशेषी अंग है. इंसान जब शिकारी और आदिम जीवन जीता था तब ये मांसपेशियां आवाजों को ठीक से सुनने और सतर्क रहने में इंसानों का सहयोग करती थीं.


टॉन्सिल-


हालांकि टॉन्सिल गले में श्वसन संबंधी संक्रमण से बचने में सहायता करते है लेकिन इन्हे भी अवशेषी अंगों की श्रेणी में रखा गया है. इनकी वजह से गले में सूजन या अन्य समस्या होने पर इन्हें निकाल दिया जाता है. इनके निकलने से कोई खास फर्क नहीं पड़ता है.


अपेंडिक्स-


पुरातन काल में अपेंडिक्स इंसानों के घास-फूस और ऐसे तमाम भोजन को पचाने में मदद करता था जो आज के समय में असामान्य हैं. लेकिन अब यह एक अवशेषी अंग है. कई बार अपेंडिक्स में संक्रमण या इससे संबंधित अन्य समस्या आने पर डॉक्टर ऑपरेशन के जरिए इसे निकाल देता है. इसके निकलने से कोई फर्क नहीं पड़ता है.


पित्ताशय या गाल ब्लैडर -


पित्ताशय में अक्सर पथरी की समस्या देखने में आती है. जिसकी वजह से डॉक्टर कई बार इसे निकालने की सलाह देते हैं. इससे निकलने से सेहत पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता है. इसे भी अवशेषी अंगों की सूची में रखा गया है.


टेल बोन-


इंसान की रीढ़ की हड़्डी के निचले हिस्से में टेल बोन है. कहा जाता है कि शुरुआती इंसान में पहले यह विकसित अवस्था में थी लेकिन विकास क्रम में यह खत्म हो गई और अब यह अवशेषी अंग है.


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