भारतीयों के लिए कई देशों में वीजा फ्री एंट्री, क्या इसके बाद फ्लाइट टिकट के अलावा नहीं होता कोई भी खर्च?
थाइलैंड में भारतीयों की वीजा फ्री एंट्री की तारीख को आगे बढ़ा दिया है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि इसके बाद भी कितने पैसे खर्च करने होते हैं.
थाईलैंड में हाल ही में भारतीयों की वीजा फ्री एंट्री की तारीख को आगे बढ़ा दिया गया है. ये पॉलिसी पहले 11 नवंबर को खत्म होने वाली थी लेकिन अब इसे अनिश्चितकाल के लिए आगे बढ़ा दिया गया है. कई देश भारतीयों को वीज़ा फ्री एंट्री की सुविधा देते हैं, जिससे भारतीयों के लिए विदेश यात्रा करना आसान हो गया है, लेकिन क्या इस सुविधा का मतलब है कि फ्लाइट टिकट के अलावा आपको और कोई खर्च नहीं करना होगा? आइए इस सवाल का जवाब जानते हैं.
यह भी पढ़ें: राजस्थान के इस जिले में हर शख्स को दो बीवियां रखने का अधिकार, लड़कियां भी नहीं करतीं सौतन का विरोध
वीजा फ्री एंट्री का क्या मतलब है?
वीजा फ्री एंट्री का मतलब है कि आपको उस देश में जाने के लिए वीज़ा लेने की जरुरत नहीं है. आप अपने पासपोर्ट के साथ सीधे उस देश जा सकते हैं. यह सुविधा आमतौर पर पर्यटकों के लिए होती है और एक निश्चित अवधि के लिए वैध होती है.
यह भी पढ़ें: राजस्थान के इस जिले में हर शख्स को दो बीवियां रखने का अधिकार, लड़कियां भी नहीं करतीं सौतन का विरोध
वीजा फ्री एंट्री के बाद भी क्या-क्या खर्च होते हैं?
किसी भी देश में वीजा फ्री एंट्री मिलने के बाद भी उस देश में कई तरह के खर्च होते हैं जो यात्री को ही वहन करने होते हैं. सबसे पहला तो यात्री को इस देश में जाने के लिए फ्लाइट का टिकट लेना होता है. इसके अलावा उसे वहां ठहरने के लिए होटल या हॉस्टल के पैसे खर्च करने होंगे. साथ ही वहां एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए उसे परिवहन के पैसे भी खर्च करने होंगे. साथ ही स्थानिय सीम कार्ड लेने के लिए भी आपको पैसे खर्च करने होंगे. वहीं आप यदि उस देश में खरीददारी करना चाहते हैं तो उसके लिए भी आपको पैसे खर्च करना होंगे. इस तरह आप किसी वीजा फ्री देश में जाते हैं तो आपके वीजा अप्लाई करने के पैसे तो बच जाते हैं लेकिन वहां दूसरे खर्चे आपको ही उठाने होंगे.
वीजा फ्री एंट्री का क्या है फायदा?
वीजा फ्री एंट्री का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको वीजा के लिए आवेदन करने की जटिल प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ता है. इससे आपका समय और पैसा दोनों बचता है.
यह भी पढ़ें: कश्मीर में आर्टिकल 370 की वापसी को लेकर प्रस्ताव, जानें कानूनी तौर पर ये कितना मुमकिन