Night Dreams: सपने अधिकांश लोग देखते हैं. दिन में सपने देखने को लोग मसखरी के तौर पर भी लेते हैं. सपनों को आमजीवन से गहरा ताल्लुक है. बेड और गुड लाइफ स्टाइल भी कई बार रात में सपने देखने का कारण बनती हैं. वहीं दिन में जो भी कुछ आसपास चल रहा है. उसका भी सपने देखने से गहरा नाता है. आइए जानने की कोशिश करते हैं कि क्यों सपने कभी कभी परेशान करते हैं. दिन में जो देख रहे हो, रात में सोते समय दिमाग में वहीं क्यों चलने लगता है?


एंग्जाइटी या डिप्रेशन होने पर
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग सुकून में कम होते हैं. दिनभर की एक्टिीविटीज ब्रेन में चलती रहती हैं. कभी बीमारी, कभी इनकम और कभी काम, सभी का प्रेशर दिमाग पर होता है. इसको लेकर लोग एंग्जाइटी और डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं. साइंटिस्ट के अनुसार, जो लोग गंभीर नेचर के होते हैं. वह दिनभर की गतिविधियों को दिमाग में रखते हैं. रात में जैसे ही दिमाग थोड़ी विश्राम की अवस्था में आता है तो वही गतिविधियां चलने लगती हैं. इन्हें ही हम सपनों का रूप देते हैं. 


सदमा लगने पर 
कई बार बच्चे या बड़ी किसी गंभीर घटना की चपेट में आ जाते हैं. जैसे बच्चे या लड़कियों के साथ यौन शोषण की घटनाएं उनके जीवन पर निगेटिव इफेक्ट डालती हैं. इस सदमें से कई बार पीड़ित उबर नहीं पाते और सोते समय दिमाग इन घटनाओं के बारे में ही सोचता रहता है.


नशे की लत लगने पर
शराब, स्मोकिंग का शुरू में शौक होता है, बाद में यह लत में तब्दील हो चुका है. डॉक्टर हितेश कौशिक ने बताया कि नशे की लत सीधे नर्वस सिस्टम को डैमेज करना शुरू कर देती हैं. ब्रेन भी हेल्दी रूप से रिएक्ट नहीं करता है. इसकी वजह से एंग्जाइटी, इन्सोमनिया, डिप्रेशन होने लगता है. अधिक सोचने की आदत बनने दिन की एक्टिीविटीज केा अधिक याद करने लगते हैं. यही सब सपने के रूप में सामने आता है.


प्रेग्नेंसी के दौरान
महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान इस तरह की दिक्कतें देखने को मिलती हैं. महिलाओं में इस दौरान हार्माेनल चेंज होने लगता है. मानसिक रूप से भी अधिक सेंसटिव हो जाती हैं. इसी कारण दिन की गतिविधियां रात में भी सपने के रूप में उनके इर्द गिर्द घूमती रहती हैं.


REM की वजह से भी दिखती हैं दिन की एक्टिविटीज
सपने आने का भी एक पीरियड होता है. इसे मेडिकली भाषा में रेपिड आई मूवमैंट(REM) कहा जाता है. इस दौरान व्यक्ति का ब्रेन एक्टिव पॉजीशन में होता है. जिस तरह से दिन में ब्रेन मे ंएक्टिीविटीज कर रहा होता है. इस पीरियड में भी ब्रेन दिन वाली पॉजीशन में होता है. हर 90 मिनट पर ब्रेन इस कंडीशन में आता है और करीब 20 से 25 मिनट तक यही स्थिति रहती है


 


ये भी पढ़ें-Health Tips: खाने में लेते हैं ज्यादा नमक तो सावधान ! कंट्रोल नहीं किया तो हो सकती है गंभीर बीमारियां