रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज दुनिया के सबसे शक्तिशाली नेताओं में से एक हैं. इतनी ज्यादा उम्र होने के बाद में पुतिन की फिटनेस कमाल की है. हालांकि, ऐसा इसलिए है क्योंकि केजीबी की नौकरी के दौरान उनको जिस तरह की ट्रेनिंग दी गई थी वो आज भी उसे फॉलो करते हैं. चलिए आपको बताते हैं कि आखिर पुतिन कैसे एक खतरनाक एजेंट बने और उन्हें रूस की खुफिया एजेंसी केजीबी में नौकरी कैसे मिली.


फिल्मी स्टाइल में मिली थी नौकरी


रूस के लेनिनग्राड शहर में एक जगह है लिटेनी प्रोस्पेक्ट रोड, आमतौर पर शहर के लोग इस इलाके में जाने से बचते हैं. उसकी वजह है वहां की चाक चौबंद सिक्योरिटी. दरअसल, इसी इलाके में रूस की खुफिया एजेंसी केजीबी का मुख्यालय है. राष्ट्रपति पुतिन का जीवन भी इसी ऑफिस की वजह से बदला. यहीं काम करके उन्होंने ऐसे हुनर सीखें जो उनको रूस के राष्ट्रपति की कुर्सी तक लेकर गए.


बात करें पुतिन को केजीबी में नौकरी मिलने की तो बीबीसी कि एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन की उम्र उस वक्त 16 साल की थी...एक दिन वो लिटेनी प्रोस्पेक्ट रोड पर मौजूद केजीबी के मुख्यालय पहुंच गए. वहां पहुंच कर उन्होंने रिसेप्शन पर बैठे अधिकारी से पूछा कि उनको केजीबी में नौकरी कैसे मिलेगी. पहले तो पुतिन की बात सुनकर सब हैरान हुए, फिर उन्होंने पुतिन को नौकरी पाने का पूरा प्रोसेस बताया.


कैसे मिलती है केजीबी में नौकरी


रूस की खुफिया एजेंसी केजीबी में नौकरी करने के लिए सबसे पहले आपको रूस की किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट होना होगा. या फिर आप रूस की मिलिट्री में नौकरी कर रहे हों. पुतिन ने इसी तरीके को फॉलो किया और लॉ कि डिग्री हासिल की. इसके बाद पुतिन केजीबी में शामिल हो गए और कई बड़े मिशन में उन्होंने एजेंट के तौर पर काम किया.


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