नीरो को इतिहास के एक ऐसे क्रूर शासक के रूप में जाना जाता है. जिसने अपनी मां, सौतेले भाईयों और पत्नियों की हत्या करवा दी थी और अपने दरबार में मौजूद किन्नरों से शादी कर ली थी. 54वी ईस्वी में सिर्फ सोलह साल की आयु में अपनी मां के प्रयासों से एक ऐसे साम्राज्य का बादशाह बना था. जो स्पेन से लेकर उत्तर में ब्रिटेन और पूर्व में सीरिया तक फैली हुई थी. उसकी मां अन्गिपीना ने महल में साजिशें और जोड़-तोड़ करके नीरो को सत्ता दिलाई थी.


फिर जब नीरो ने सत्ता संभाली तो उसकी मां अन्गिपीना उसकी सबसे करीबी सलाहकार थी. यहां तक कि रोमन सिक्कों पर नीरो की तस्वीर के साथ उसकी तस्वरी भी हुआ करती थी, लेकिन फिर भी सत्ता और स्वतंत्रता की हवस में सत्ता संभालने के पांच सालों बाद ही उसने साजिश के तहत अपनी मां की हत्या करवा दी थी. उसने न अपने सौतेले भाईयों को छोड़ा और न ही पत्नियों को. ऐसे में उसे सबसे क्रूर शासक माना जाता था.


जब रोमन जल रहा था तो नीरो बांसूरी बजा रहा था?


64वी शताब्दी रोम जलकर खाक हो गया था. अफवाह ये थी कि ये आग सम्राट नीरो ने खुद लगवाई थी और बाद में ये कहा जाने लगा कि जब रोम जल रहा था तब नीरो बांसुरी बजा रहा था. वहीं आग की घटना के बारे में बीबीसी से हुई बातचीत में इतिहासकार सुषमा मलिक बताती हैं दूसरी और तीसरी शताब्दी में कम से कम दो इतिहासकार इस बात की पुष्टि करते हैं कि नीरो ने खुद रोम में आग लगवाई थी. ताकि इसका फिर से नया निर्माण किया जा सके. नीरो अपने मशहूर गोल्डन हाउस का निर्माण कराना चाहता था.


हालांकि कुछ इतिहासकार ये भी मानते हैं कि नीरो ने आग खुद नहीं लगवाई थी क्योंकि इस आग में उसका महल भी जलकर खाक हो गया था. बीबीसी से ही हुई बातचीत में इतिहासकार मैथ्यू का कहना है कि बांसुरी का आविष्कार सातवीं शताब्दी में हुआ था और नीरो के समय में बांसुरी नहीं थी. यह भी कहा जाता है कि नीरो एक वाद्य यंत्र बजाता जरूर था जिसे लाइरे कहा जाता है. इस आग लगने के बाद रोम पूरी तरह खत्म हो गया था जिसे फिर नीरो ने और अच्छी तरह बसाया था और उसे इस तरीके से बसाया गया कि आने वाले समय में आग लगे और इतने बड़े पैमाने पर न फैले.


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