भारत का हर नागरिक लगभग से जानता ही होगा कि अपना देश अंग्रेजों और मुगलों दोनों का गुलाम रहा है. मुगलों और अंग्रेजों ने मिलकर भारत को करीब 500 सालों तक लूटा है और अपना खजाना भरा है. वहीं भारत की आजादी लड़ाई लड़ने वाले महापुरुषों के बारे में तो हर किसी ने पढ़ा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश से मुगलों को किसने खदेड़ा था. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे. 


भारत में था मुगलों और फिर अंग्रेजों का शासन


भारत में अंग्रेजों से पहले मुगलों का राज था. इतिहासकारों के मुताबिक मुगलों ने भारत में लगभग 300 सालों तक राज किया था. भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना दिल्ली में बाबर ने 1526 ई. में की थी। वहीं इस वंश का अन्तिम शासक बहादुर शाह था.


अंग्रेजों ने भारत में 200 साल किया राज


भारत में अंग्रेजों ने लगभग 200 सालों से ज्यादा समय तक राज किया है. इतिहासकारों के मुताबिक अंग्रेजों का भारत में 24 अगस्त 1608 को आगमन हुआ था. अंग्रेजों का भारत में आने का उद्देश्य भारत में व्यापार करना था. ऐसे में अंग्रेजों ने पहली बार जेम्स प्रथम के राजदूत सर थॉमस रो की अगुवाई में कारखाना खोला था. बता दें कि ये कारखाना सूरत में खोला गया था, इसके बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपना दूसरा कारखाना मद्रास में खोला था.


अंग्रेजों के आने पर कौन था मुगल शासक


बता दें कि अंग्रेजों के भारत आने पर यहां अकबर के पुत्र जहांगीर का शासनकाल था. अंग्रेजों ने जहांगीर से ही इजाजत लेकर यहां व्यापार शुरू किया था. अंग्रेजों की पहले से नीति ‘फूट डालो राज करो’  की थी. उन्होंने भारत में भी हिंदू और मुसलमानों के बीच फूटा डाला था. जिसके बाद अंग्रेजों ने भारत में धीरे धीरे अपनी सेना बढ़ाई और आधुनिक हथियारों के दम पर भारत के ही लोगों को गुलाम बना लिया था.


अंग्रेजों ने किया मुगलों को बाहर?


जानकारी के मुताबिक अंग्रेजों ने ही मुगल साम्राज्य खत्म किया था. बहादुर शाह जफर द्वितीय जो कि अंतिम मुगल बादशाह थे. उन्होंने भारत की तरफ से 1857 की क्रांति में सहयोग भी दिया था. जिसके बाद अंग्रेजी सरकार ने उन्हें गिरफ्तार करके बर्मा (आज का म्यांमार) की जेल में अंतिम समय तक के लिए डाल दिया था.


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