Water Crisis: धरती पर सीमित मात्रा में है पीने का पानी, खत्म हो गया तो क्या करेगा इंसान?
Water Crisis: पृथ्वी से पानी धीरे-धीरे खत्म हो रहा है. इंसान के लिए यह निकट भविष्य के लिए एक बड़ी चुनौती है. अगर सच में पानी खत्म हो गया तो क्या होगा? आइए समझते हैं.

Water Crisis: पानी एक शब्द नहीं इंसानों के जीवित रहने का आधार है. दुनिया भर के देश और उसके वैज्ञानिक दूसरे ग्रहों पर इस बात का पता लगाने के लिए अरबों रूपये खर्च कर रॉकेट भेज रहे हैं कि वहां पानी उपलब्ध है या नहीं. इस बार चंद्रयान-3 भी इसी बात का पता लगाने के लिए चंद्रमा पर गया हुआ है. और बातें भी पता करेगा. हमारे कहने का मतलब यह है कि पानी कितना अधिक हमारे लिए जरूरी है यह समझने की आवश्यक्ता है. इसे खरीद सकते हैं लेकिन बना नहीं सकते हैं. यह कुदरत का दिया हुआ इंसानों के लिए अनमोल तोहफा है. हर रोज पीने का पानी इस धरती से कम हो रहा है. जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है. आबादी बढ़ेगी तो खपत बढ़ेगा. उसके लिए प्रोडक्शन भी बढ़ाना पड़ेगा, लेकिन पानी तो किसी कंपनी में पैदा होता नहीं है तो उसका प्रोडक्शन बढ़ाने का सवाल ही नहीं उठता है. ऐसे में एक सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि अगर धरती से पानी खत्म हो गया तो क्या होगा? आइए इसका जवाब तलाशते हैं.
पानी के अभाव में संकट में दुनिया?
एक ग्रह के रूप में पृथ्वी के लिए पानी की कमी के कुछ गंभीर परिणाम होते हैं. कैलिफोर्निया की इंपीरियल वैली एक उदाहरण है, जहां तेजी से भूजल की कमी के कारण पिछले 100 वर्षों में जमीन 100 फीट तक धंस गई है. पर्यावरण वैज्ञानिकों का अनुमान है कि भूजल के दोहन के कारण भू-भाग के धंसने के साथ-साथ भूकंप का खतरा भी बढ़ सकता है. पृथ्वी की परत हल्की होती जा रही है. इसके बाद अत्यधिक उत्प्लावन परत ऊपर उठनी शुरू हो जाएगी, जिससे फॉल्ट लाइनों पर दबाव कम हो जाएगा, जिससे टेक्टोनिक प्लेट में हलचल शुरू हो जाएगी जो भूकंप का कारण बनेगी. इसके अलावा, स्टडी से यह पता चला है कि हर साल भूजल पंपिंग के कारण सिएरा नेवादा पर्वत की ऊंचाई कुछ मिलीमीटर अतिरिक्त बढ़ जाती है.
सच हो सकती है भविष्यवाणी
इंसानों के लिए दुनिया भर में पानी की कमी के प्रभाव विनाशकारी होंगे. 1995 में विश्व बैंक के उपाध्यक्ष इस्माइल सेरागेल्डिन ने भविष्यवाणी की थी कि अगली सदी के युद्ध पानी के लिए लड़े जाएंगे और वह गलत नहीं थे. इस समय दुनिया के पास लड़ने के लिए बहुत कुछ है. दिन के अंत में तेल, गैस, धर्म, राजनीति और अन्य विषयों का मतलब जीवन और मृत्यु के बीच अंतर नहीं है, लेकिन पानी है. यह जीवन तय करता है. यदि दुनिया में H20 खत्म हो जाए तो ताजा, स्वच्छ पेयजल तक पहुंच सुनिश्चित करने की जद्दोजहद में दुनिया पागल हो जाएगी. संयुक्त राज्य अमेरिका में पहले से ही संघर्ष शुरू हो गया है, जहां 35 राज्य पानी की आपूर्ति को लेकर लड़ रहे हैं. नासा पहले से ही ऐसे तरीकों पर काम कर रहा है जिससे दुनिया वेस्ट मटेरियल सहित हमारे पास मौजूद पानी की हर बूंद का रीसाइक्लिंग कर सके. इस अवधारणा का उपयोग पहले से ही अंतरिक्ष जहाजों पर किया जा रहा है, हालांकि यह सामने आने वाले किसी भी जल संकट को हल करने के लिए एक समझदार समाधान भी हो सकता है.
ये भी पढ़ें: G-20 Summit के लिए एयर डिफेंस मिसाइल और राफेल को किया गया तैनात, जानिए इनका काम क्या होगा?
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

