Wayanad Landslide: केरल के वायनाड में भारी बारिश के बाद भूस्खलन ने तबाही मचा दी है. भूस्खलन के चलते 100 से ज्यादा लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका जताई जा रही है, जिन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इसमें मरने वालों की संख्या 24 बताई जा रही है. वहीं भूस्खलन की चपेट में आने से 70 लोग घायल हो चुके हैं. पीएम मोदी ने केरल के सीएम पिनराई विजयन से बात कर केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.


हर बार बारिश में देश के अलग-अलग राज्यों से भूस्खलन की खबरें आ ही जाती हैं. जिसमें कई लोग अपनी जान गवां देते हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर देश का कौन से राज्य भूस्खलन से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं? चलिए जान लेते हैं.


कौन से राज्य भू स्खलन से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं?


पिछले साल इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) के वैज्ञानिकों ने नया रिस्क असेसमेंट किया था. जिसमें बर्फ से ढकी जगहों को छोड़कर पूरे भारत के 17 राज्यों में और दो केंद्र शासित प्रदेशों का आंकलन किया गया था. इसमें सेंटर ने इसमें 147 सबसे अधिक लैंडस्लाइड वाले जिलों की लिस्ट जारी की गई थी. इन हॉटस्पॉट्स में, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग और टिहरी गढ़वाल जिलों को भारत भर में उनके हाईएस्ट लैंडस्लाइड डेंसिटी और लैंडस्लाइड रिस्क की वजह से पहले और दूसरे स्थान पर रखा गया था.  केरल के त्रिशूर, कोझिकोड, पलक्कड़ और मलप्पुरम, जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुलवामा, और सिक्किम के पूर्व और दक्षिण क्षेत्रों को सबसे ज्यादा भूस्खलन वाला क्षेत्र बताया गया था.


वायनाड में लैंडस्लाइड की अधिक संभावना क्यों?


उत्तराखंड में पिछले दो दशकों में 11 हजार से ज्यादा भूस्खलन दर्ज किए गए. वहीं केरल का वायनाड भी लैंडस्लाइड के लिए संवेदनशिल एरिया माना जाता है. दरअसल वायनाज में परिस्थितिकी के रूप से खासी नाजुक पहाड़ियां हैं. साथ ही यहां खड़ी पहाड़ियां हैं, जिसमें लैंडस्लाइड की ज्यादा संभावना बनी रहती है. साथ ही ये खड़ी पहाड़ियां जब गिरती हैं तो लोगों को बचने का मौका भी कम ही मिल पाता है. यही वजहा है कि यहां हर साल बारिश के बाद लैंडस्लाइड के चलते कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं. इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला. हालांकि बचाव दल अपने कार्य में जुटा हुआ है और फिलहाल लोगों को बचाने का प्रयास जारी है.      


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