भूस्खलन आने से पहले मिलते हैं ये पांच बड़े संकेत, ऐसे बच सकती है आपके परिवार की जान
Wayanad Landslide: केरल के वायनाड में भूस्खलन के चलते 4 गांव बहने की खबरें हैं. जहां लोगों के बचाव कार्य के लिए आर्मी के जवान और हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं.
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Wayanad Landslide: केरल के वायनाड में बारिश और लैंडस्लाइड ने तबाही मचा दी है. जहां 4 गांव तबाह हो चुके हैं तो वहीं 24 लोगों की मौत की खबर है. वहीं सैंकड़ों लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है. सेना के जवान लोगों के एयरलिफ्ट करके बाहर निकाल रहे हैं. दरअसल वायनाड में भारी बारिश के चलते मंगलवाार की सुबह 4 घंटे में 3 से 4 लैंडस्लाइड हुए, जिसके चलते मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा इस मलबे की चपेट में आ गए. केरल में फिलहाल हालात काफी खराब बताए जा रहे हैं, पीएमओ ने भारतीय वायु सेना, नौसेना और सेना स्टेशनों को वायनाड में बचाव कार्य करने का आदेश दिया है.
भूस्खलन से स्थिति इतनी गंभीर हो जाएगी शायद ही इसकी आंशका किसी को होगी. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या भूस्खलन आने के संकेत पहले से नहीं मिलतेय तो बता दें भूस्खलन आने से पहले पांच बड़े संकेत मिलते हैं, यदि आपने इन्हें महसूस कर लिया तो आप अपने परिवार की जान बचा सकते हैं.
भूस्खलन आने से पहले मिलते हैं ये पांच बड़े संकेत
- लकड़ी के टूटने या चटकने की आवाजें, पत्थरों के टकराने की आवाजें, जमीन के हिलने की आवाजें या फिर दूसरी असामान्य आवाजें आती हैं और ये आवाजें बढ़ जाती हैं तो भूस्खलन आने की संभावना होती है.
- ऐसा कहा जाता है कि तेजी से होने वाले भूस्खलन से तेज गड़गड़ाहट और जमीन में कंपन उत्पन्न होता है, ऐसा महसूस होता है जैसे कोई मालगाड़ी गुजर रही हो. इस स्थिति में भूस्खलन आने के चांसेस बढ़ जाते हैं.
- इसके अलावा यदि आप किसी जलधारा के पास हैं, तो जलस्तर में अचानक परिवर्तन होने लगता है. खासतौर पर तेज या लम्बे तूफान के दौरान या उसके ठीक बाद.
- किसी इमारत का अपनी नींव से अलग हो जाना या फिर मिट्टी का नींव से दूर हो जाना भी भूस्खलन का संकेत है.
- खिड़कियों या दरवाजों का टूटना या फिर दीवारों, छतों या नींव में नई दरारें आ जाने आना भी भूस्खलन का संकेत है.
कैसे बचाएं परिवार की जान
जब भी आपको ऐसे संकेत मिलें तो आप अपने परिवार के साथ तुरंत उस जगह को छोड़ दें. लेकिन ऐसा तभी करें जब ये करना सुरक्षित हो. यदि आप भूस्खलन से प्रभावित किसी इमारत में हैं, तो बेहतर है कि आप खाली इमारत में न हों और या तो उस इमारत की सबसे ऊंची मंजिल पर चले जाएं या फिर भूस्खलन के खत्म होने तक काउंटरटॉप पर चढ़ जाएं. या फिर आपको जब भी भूस्खलन के कोई संकेत मिलें तो इसकी सूचना तुरंत अपने स्थानीय प्राधिकारियों को दें.
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