Weather of Delhi NCR: वैसे तो इस साल आधे दिसंबर तक सर्दी का नाम भी नहीं था, लेकिन अब दिल्ली में सर्दी ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है और पारा लगातार गिर रहा है. दिल्ली में वाकई कड़ाके की सर्दी पड़ती है. यहां तक कि इस पर बॉलीवुड में गाने भी बने हैं. लेकिन, दिल्ली पहाड़ों पर भी नहीं है फिर भी यहां इतनी ठंड क्यों पड़ती है? आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि दिल्ली में ऐसा क्या है कि वहां काफी तेज ठंड पड़ती है.


क्यों पड़ती है ठंड?
दिल्ली सहित उत्तर भारत में ज्यादा ठंड होने के कई कारण रहते हैं जिस वजह से दिल्ली और उसके आस-पास दिसंबर के आखिरी दिनों और जनवरी महीने में काफी तेज ठंड पड़ती है. दिल्ली जैसा ही हाल हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के इलाकों में भी रहता है, क्योंकि पश्चिमी हवा से लेकर पहाड़ों पर होने वाली बर्फबारी तक का असर यहां ही होता है.


पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाली हवाओं का असर


दरअसल, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाली हवाओं का असर दिल्ली पर भी पड़ता है और ये हवाएं काफी सर्द होती हैं. कहा जाता है कि ये सर्द हवाएं ही दिल्ली में ठंड लेकर आती हैं और उसे और बढ़ाती हैं. इन्हीं हवाओं की वजह से उत्तर और उत्तर-पश्चिम के इलाके में बारिश भी होती है. ये हवाएं दिसंबर में शुरू हो जाती हैं और इसके साथ ही दिल्ली में ठंड भी बढ़नी शुरू हो जाती है.


पहाड़ी क्षेत्र हैं जिनके मौसम का असर


दिल्ली के आसपास कई पहाड़ी क्षेत्र हैं जिनके मौसम का असर दिल्ली के मौसम पर भी पड़ता है. अगर पहाड़ी क्षेत्र में बर्फबारी होती है तो उसका असर दिल्ली के मौसम पर भी पड़ता है और यहां ठंड बढ़ जाती है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और बाकी नजदीकी इलाकों में होने वाली बर्फबारी भी इस इलाके मे ठंड को और बढ़ा देती है.


धूप नहीं आ पाती


इन दोनों भौगोलिक कारणों के अलावा नमी के कारण सुबह हल्की धुंध भी रहती है. सुबह होते-होते यह धुंध 100-300 मीटर ऊपर उठकर हल्के बादल से बना लेती है. ऐसे में जमीन पर तापमान कम ही बना रहता है और धूल के कण के साथ नमी रहती है. ये हल्के धुंध वाले बादल सूरज की किरणों को धरती तक आने से रोकते हैं. इस वजह से धरती पर पूरी तरह से धूप नहीं आ पाती है और तापमान कम ही रहता है.


क्यों पड़ती है ज्यादा गर्मी?
independent.co.uk की एक रिपोर्ट कहती है कि मॉनसून का अर्थ सिर्फ बारिश से ही नहीं है. हवाओं की दिशा या रूख में परिवर्तन भी मॉनसून ही होता है. इससे सिर्फ बारिश ही नहीं होती बल्कि तापमान भी काफी प्रभावित होता है. इस कारण से गर्मी में गर्म हवाएं चलती हैं. दिल्ली में बारिश वाला मॉनसून सिर्फ जुलाई और अगस्त के महीने में ही आता है और उससे पहले गर्मी ही रहती है. चूंकि दिल्ली शहर यमुना नदी के किनारे बसा हुआ है इसलिए यह ह्यूमिड सबट्रोपिकल रीजन में आता है. इसके अलावा गर्म हवाओं की वजह से भी दिल्ली और उत्तर भारत के इलाके में गर्मी बढ़ती है. राजस्थान के रेतीलों इलाकों से आने वाली गर्म हवाएं भी दिल्ली में गर्मी बढ़ाती है.


यह भी पढ़ें -


हवाई जहाज और कार दोनों में होती है सीट बेल्ट... लेकिन दोनों का काम होता है बिल्कुल अलग!