क्या सही में दूसरे नंबर की अंगुली का कनेक्शन हार्ट से है? तभी इसमें पहनाते हैं शादी वाली अंगूठी?
Wedding Finger Facts: आपने देखा होगा कि शादी की अंगूठी लोग अपने हाथ की दूसरी उंगुली में पहनते हैं, कभी सोचा है आखिर ऐसा क्यों है?
शादी चाहे विदेश में हो या फिर हिंदुस्तान में, एक चीज हमेशा कॉमन होती है और वो शादी वाली अंगूठी. हर जगह शादी के पहले कपल आपस में अंगूठी पहनाते हैं. खास बात ये है कि हर जगह अंगूठी दूसरे नंबर की अंगुली में ही पहनाई जाती है. चाहे वो बात कहीं की भी हो. लेकिन, कभी आपने सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है और किस वजह से अंगूठी दूसरे नंबर की अंगुली में पहनाई जाती है. ऐसा करने के पीछे कई तरह के तर्क दिए जाते हैं और कहा जाता है कि ऐसा करने से प्यार बढ़ता है.
तो जानते हैं कि आखिर किस वजह से इस अंगुली में अंगूठी पहनाने की कहानी शुरू हुई है और इसके पीछे क्या तर्क दिए जाते हैं. साथ ही ये भी जानते हैं कि उन तर्क में कितनी सच्चाई है?
आपको बता दें कि शादी से पहले रिंग पहनाने का इतिहास काफी पुराना है. दरअसल, कई प्राचीन संस्कृतियों में भी शादी की अंगूठियों के पहनने के सबूत मिले हैं. अब इसके दूसरे नंबर की अंगुली में पहनने के पीछे ये वजह बताई जाती है कि बाएं हाथ की चौथी उंगली में एक नस थी जो सीधे आपके दिल तक जाती थी. इस वजह से इसे दिल की भावनाओं को केंद्र माना जाता था. इस वजह से दूसरे नंबर की अंगुली में अंगूठी पहनाई जाती है. कहा जाता था कि इसमें वेन ऑफ लव होती है, जिससे अंगूठी कनेक्ट करती है और प्यार बढ़ता है.
क्या सही में ऐसा होता है?
बता दें कि कई रिपोर्ट्स में इस फैक्ट को गलत बताया गया है. इस संदर्भ में डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसी कोई नस नहीं होती है, जो अंगुली से हार्ट को कनेक्ट करे. इसलिए ऐसा कहना गलत है कि हार्ट से सीधा कनेक्शन होता है. अगर हार्ट से निकलने वाले नस के सिस्टम की बात करें तो हार्ट से निकलने वाली नसें पहले गर्दन में जाती हैं और वहां से दिमाग में जाती है. इसके बाद नसें पूरे शरीर में फैलती है. लेकिन, ऐसी कोई भी नस नहीं है, जो सीधे अंगुली से हार्ट की तरफ आती है.
ऐसे में ये सिर्फ कहानियां और इसके पीछे कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. बस कुछ परंपराएं चली आ रही हैं, जिनकी वजह से रिंग फिंगर में शादी की अंगूठी पहनाई जाती है.
ये भी पढ़ें- पृथ्वी पर 3900 किलोग्राम था चंद्रयान-3 का कुल वजन, जानिए चांद पर पहुंचने पर ये कितना रह जायेगा?