ऑनलाइन शॉपिंग से मर रही व्हेल मछली? जानिए कैसे, रिसर्च में हुआ हैरान करने वाला खुलासा
साल 2017 से अब तक 335 व्हेल मछलियां मरी हुई मिली. पिछले सिर्फ 3 महीनों में ही 23 व्हेल मरी हुई मिली. मछलियों की मौत का कारण ऑनलाइन शॉपिंग और जलवायु परिवर्तन को बताया जा रहा है.
पिछले तीन महीनों में अमेरिका के पूर्वी तट पर 23 व्हेल मरी हुई मिलीं. जिनमें से 12 सिर्फ न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी के तटों पर मिली. पिछले हफ्ते ही तीन व्हेल मछलियां मरी मिलों, जिनमें पहली गंभीर रूप से खतरे में मौजूद अटलांटिक राइट व्हेल वर्जीनिया के तट पर मिली. दूसरी एक हंपबैक व्हेल न्यूजर्सी के तट पर और तीसरी एक मिंके व्हेल न्यूयॉर्क सिटी के रॉकअवे पेनिनसुला तट पर मिली.
वैज्ञानिकों ने बताई ये वजह
नेशनल ओशिएनिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के अनुसार, व्हेल मछलियों की इस तरह हो रही मौत से अमेरिकी सरकार भी परेशान हो गई है. वैज्ञानिकों ने इसके पीछे बेहद विचित्र लेकिन हैरान करने वाली वजह बताई हैं. जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण व्हेल्स और उनकी शिकार मछलियां विस्थापित होती चली गईं और ये तटों के बेहद करीब आ कर घूमने लगीं. इसके अलावा कोविड आने के बाद बढ़ी ऑनलाइन शॉपिंग को भी इसका एक कारण बताया जा रहा है.
ऑनलाइन शॉपिंग से बढ़ा ट्रैफिक
कोविड महामारी में ऑनलाइन शॉपिंग की डिमांड बढ़ी थी. ग्राहकों की मांग को पूरी करने के लिए न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी में शिपिंग पोर्ट बनाए गए थे. ताकि कार्गो जहाजों का आना-जाना आसान हो सके और माल की सप्लाई ज्यादा तेजी से की जा सके. अब ये शिपिंग पोर्ट देश के सबसे व्यस्त बंदरगाह बन चुके हैं. जहां कई बड़े-बड़े मालवाहक जहाज भी आते हैं. ऐसे में उनसे निकलने वाला खाना वगैरह व्हेल मछलियों को आकर्षित करता है. गॉथम व्हेल रिसर्च ग्रुप के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर पॉल सिएसवेर्डा बताते हैं कि एम्ब्रोस शिपिंग चैनल में व्हेल मछलियों की संख्या बढ़ गई. ऐसे में इनकी जहाज से टक्कर होती रहती है.
समुद्र में हो रहे निर्माणकार्य भी वजह
दरअसल, मैसाच्युसेट्स से लेकर वर्जीनिया तक समुद्र में विंड फॉर्म यानी पनचक्की का निर्माण कार्य चल रहा है. ऐसे में जहाजों का आना-जाना लगा रहता है. विंड फॉर्म्स का विरोध करने वालों का कहना है कि समुंद्र का नक्शा बनाने के लिए ये कंपनियां जिस सोनार तकनीक का इस्तेमाल कर रही हैं, उससे व्हेल मछलियों में दिशाभ्रम पैदा होता है और वो भटक कर तटों के करीब आ जाती हैं. यहां इनकी जहाजों से टकराकर मौत हो जाती है.
मौत की वजह का पता लगाना आसान नहीं
व्हेल मछलियां किसी स्कूल बस से भी बड़े आकार की होती हैं. ऐसे में उनका एक्सरे करना संभव नहीं हैं. इसलिए वैज्ञानिकों को इनके शरीर और जख्मों की पड़ताल मैनुअली करनी पड़ती है. लगभग एक फीट मोटे गद्देदार मांस के नीचे बीमारियां, पैरासाइट, घाव, जख्म आदि का पता लगाना आसान नहीं होता. व्हेल मछली की डेडबोडी से बहुत ज्यादा दुर्गंध आती है. ऐसे में उसके घावों को खोजना और भी ज्यादा कठिन हो जाता है.
2017 से लेकर अब तक 335 व्हेल मछलियां मरी मिलीं
पिछले तीन महीनों में 23 व्हेल मरी हुई मिली, जिनमें से 16 हंपबैक व्हेल्स थीं. अमेरिका के पूर्वी तट पर साल 2017 से लेकर अब तक 330 से भी ज्यादा व्हेल मछलियां मरी मिली हैं. सर्दियों में इतनी ज्यादा संख्या में व्हेल मछलियों का मरना वैज्ञानिकों को परेशान कर रहा है. कोरोना काल के बाद से न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी के बंदरगाह पर जहाजों का आना-जाना 27 फीसदी बढ़ा है.
बदरगाहों को को दिए गए थे ये निर्देश
पिछले साल NOAA ने बंदरगाहों को निर्देश दिया था कि जहाजों को 10 नॉट यानी 18.52 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलाना होगा. अगर कोई जहाज 35 फीट या उससे ऊपर का है तो व्हेल मछली दिखने पर पहले उसे रास्ता देना होगा और अगर टक्कर हो जाती है तो व्हेल को पहले जाने दिया जायेगा, उसके बाद ही जहाज को आगे बढ़ाना होगा.
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