क्या होते हैं देसी और विदेशी मुसलमान? जिनका सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया जिक्र
संभल हिंसा को लेकर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये देसी और विदेशी मुसलमानों की आपसी भिड़त हैं. उन्होंने कहा कि 2017 से लेकर अब तक यूपी में सांप्रदायिक दंगों में 97 से लेकर 99 फीसदी तक कमी आई है.
उत्तर-प्रदेश के संभल हिंसा की जांच में कई नई जानकारियां सामने आ रही हैं. वहीं इस मुद्दे पर राजनीति भी खूब तेज हो गई है. दरअसल यूपी विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल और बहराइच हिंसा पर विपक्ष के आरोपों पर जोरदार पलटवार किया है. सीएम ने कहा कि संभल मामला देसी और विदेशी मुसलमानों का आपसी भिड़त है.
सीएम योगी का पलटवार
योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा ने कहा कि सभी विपक्षी नेताओं ने अपने रुचि के अनुसार बातें कहीं हैं. लेकिन एनसीआरबी आंकड़े बताते हैं कि 2017 से लेकर अब तक यूपी में सांप्रदायिक दंगों में 97 से लेकर 99 फीसदी तक कमी आई है. वहीं जिसको आप वास्तव में दंगे कहते हैं कि वह उत्तर प्रदेश में 2017 के बाद से नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि 2017 से पहले 815 सांप्रदायिक दंगे हुए और 192 लोगों की इसमें मौत हुई थी. वहीं 2007 से 2011 के बीच 616 हिंसा की घटनाएं हुई और 120 लोगों की मौत हुई थी.
देसी और विदेशी मुसलमानों की आपसी भिड़ंत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने कहा कि विपक्ष ने कुंदरकी की जीत को वोट की लूट बताया है. आपके प्रत्याशी की तो जमानत जब्त हो गई थी. उन्होंने कहा कि क्या ये सच नहीं है कि देसी और विदेशी मुसलमानों की आपसी भिड़ंत है, जिस पर आप पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं. सूर्य को चांद को और सत्य को बहुत देर तक कोई छिपा नहीं सकता है.
कौन हैं देसी और विदेशी मुसलमान
विधानसभा में विपक्ष पर भड़कते हुए सीएम योगी ने कहा कि क्या ये सच नहीं है कि ये देसी और विदेशी मुसलमानों के वर्चस्व की लड़ाई है. सीएम ने कहा कि क्या यह सच नही है आपके पूर्वज हिन्दू नही थे? उन्होंने कहा कि ये तो बाबरनामा में भी लिखा गया है कि हर मंदिर को तोड़कर एक ढांचा खड़ा किया गया है. दरअसल सीएम योगी यहां उन लोगों को देसी मुसलमान कह रहे हैं, जो शुरूआत से ही भारत में रहे हैं. लेकिन जो मुसलमान मुगलकाल में बाहर से आए हैं, उन्हें सीएम विदेशी मुसलमान कह रहे हैं.
राम-राम हमारा सामान्य संबोधन
योगी आदित्यानाथ ने कहा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में आप जाएंगे, तो सामान्य संबोधन में राम-राम ही बोलते हैं. उन्होंने कहा जय श्रीराम कहां से साम्प्रदायिक हो गया है, हमारे यहां जगते हैं, मिलते हैं तो राम-राम बोलते हैं. उन्होंने कहा कि अगर जय श्रीराम किसी ने बोल ही दिया तो इसमें आप नीयत समझ सकते हैं, ये चिढ़ाने वाला नहीं है.