"घड़ियाली आंसू मत बहाओ"... ऐसा क्या खास है घड़ियाल या मगरमच्छ के आंसुओं में, जो यह कहावत बनी?
Crocodile vs Alligator: मगरमच्छ और घड़ियाल के बीच एक सबसे बड़ा अंतर, जो देखने भर से पता चल जाता है. आइए दोनों के बीच के अंतर को समझते हैं
Crocodile: मगरमच्छ पानी का कुशल शिकारी है. इसके अलावा यह जमीन पर भी काफी तेजी से अपने शिकार का पीछा कर लेता है. जब कोई रोने का नाटक करता है या झूठा अफसोस जताता है, तो लोग उसके आंसुओं की तुलना मगरमच्छ के आंसुओं से करते हुए कहते हैं कि क्यों मगरमच्छ के आंसू/घड़ियाली आंसू बहा रहे हो. मगरमच्छ और घड़ियाल दोनों करीब-करीब एक जैसे होते हैं. बहुत से लोगों को लगता है कि मगरमच्छ और घड़ियाल दोनों एक ही हैं. अगर आप भी अभी तक ऐसा ही सोचते आ रहे हैं तो आज अपनी इस गलतफहमी को दूर कर लीजिए. दरअसल, मगरमच्छ और घड़ियाल में कई अंतर होते हैं. आइए जानते हैं इनकी पहचान कैसे होती है.
पहला सबसे आसान अंतर
मगरमच्छ और घड़ियाल के बीच एक सबसे बड़ा अंतर, जो देखने भर से पता चल जाता है वह है इसकी शारीरिक बनावट. मगरमच्छ का मुंह आगे की ओर से चौड़ा होता है और मुंह बंद करने पर भी इसके एक या दो दांत बाहर भी चमकते रहते हैं. घड़ियाल का मुंह थोड़ा लम्बा होता है और चोंच की तरह दिखाई देता है. मगरमच्छ में बहुत ज्यादा वजन होता है और घड़ियाल हल्का होता है.
मछली खाने वाला मगरमच्छ
घड़ियाल को मछली खाने वाला मगरमच्छ भी कहते हैं. दरअसल, घड़ियाल का जबड़ा खुल पाता है. इसलिए ये छोटे करके जीव-जंतु का शिकार करते हैं. वहीं, दूसरी ओर मगरमच्छ का मुंह काफी बड़ा होता है. इसलिए यह इंसान, हिरण जैसे बड़े जीवों का भी शिकार कर लेता है. घड़ियाल मुख्य रूप से भारताय उपमहाद्वीप में पाए जाते हैं. जब मौसम ठंडा रहता है तो ये धूप में बाहर दिख जाते हैं और गर्मी बढ़ने पर पानी में चले जाते हैं.
घड़ियाल क्या रोते हैं?
आपने नेताओं या किसी और के मुंह से घड़ियाली आंसू वाली कहावत सुनी होगी. ऐसे में सवाल बनता है कि क्या घड़ियाल सच में रोते हैं? असल में इनके आंसू निकलते हैं, लेकिन इसको रोना नहीं कहा जा सकता है. दरअसल, मांस चबाते समय ये ढेर सारी हवा अंदर खींच लेते हैं, जिससे ग्लैंड पर दबाव पड़ता है और आंखों से पानी आने लगता है.
क्यों बहते हैं आंसू
इसके अलावा, एक वजह यह भी बताई जाती है कि घड़ियाल की तीसरी पलक जब आंखों पर आ जाती है. तो इसे नम रखने के लिए आंसू बहते हैं. यही वजह है कि किसी के रोने को झूठा बताने के लिए 'घड़ियाली आंसू' कहावत इस्तेमाल की जाती है. घड़ियाल इंसानों पर बहुत कम ही हमला करते हैं. वहीं, दूसरी ओर मगरमच्छ ज्यादा आक्रामक होते हैं. एक बार शिकार करने के बाद मगरमच्छ काफी समय बिना भोजन किए रह सकता है.