देश में पिटबुल और खूंखार कुत्तों को रखने के क्या नियम हैं? यहां जानें सटीक जवाब
Pet Rules in Housing Society: एक तरफ लोग कुत्ते से परेशान है तो दूसरी तरफ कुत्ते प्रेमी इस बात पर नाराजगी जता रहे थे कि ये तो जानवर है, इसमें उनकी क्या गलती है?
एक तरफ लोग कुत्ते से परेशान है तो दूसरी तरफ कुत्ते प्रेमी इस बात पर नाराजगी जता रहे थे कि ये तो जानवर है, इसमें उनकी क्या गलती है? अगर हम आपको एक घटना याद दिलाए तो आपको याद होगा कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक पिटबुल कुत्ते ने एक महिला पर हमला कर उसकी जान ले ली थी. आप हर रोज इस तरह के मामले सुनते होंगे कि कुत्ते ने काट लिया या तो कुत्ते के कारण मारपीट हो गई. ऐसे में सवाल उठता है कि देश में कुत्ते पालने के क्या नियम हैं और खासकर पिटबुल जैसे कुत्तों को पालने के क्या नियम हैं?
कुत्ते हर साल कितने लोगों को मारते हैं?
इससे पहले जान लेते हैं कि हर साल देश में कुत्तों के काटने से कितने लोगों की मौत हो जाती है. रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 1 करोड़ से ज्यादा पालतू कुत्ते हैं, जबकि आवारा कुत्तों की आबादी करीब 3.5 करोड़ है. एनसीआरबी के रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों से पता चलता है कि 2019 में देश में कुत्तों के काटने के 4,146 मामले सामने आए, जिससे इंसान की मौत हो गई. भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पिछले साल संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए बताया था कि 2019, 2020, 2021 और 2022 में देश में कुल कितने लोगों पर कुत्तों के हमले हुए हैं. वर्ष 2019 में 72 लाख 77 हजार 523 कुत्तों के हमले के मामले सामने आए, जबकि साल 2020 में कुल 46 लाख 33 हजार 493 कुत्तों के हमले के मामले सामने आए. वहीं, 2021 में कुल 17,01,133 कुत्तों के काटने के मामले सामने आए.
हर शहर में अलग-अलग नियम
पिटबुल दुनिया का सबसे खतरनाक कुत्ता है. इसकी नस्ल अपने आक्रामक रवैये के लिए भी जानी जाती है. आपको बता दें कि दुनिया के 41 देशों में इसे रखने पर प्रतिबंध है यानी इन देशों में आप पिटबुल को नहीं पाल सकते हैं. अन्य कुत्तों से ज्यादा पिटबुल अनियंत्रित होते हैं, उन्हें गुस्सा आता है और गुस्सा आने पर सीधे हमला कर देते हैं. हमला ऐसा होता है कि लोगों के जान चले जाते हैं. भारत के कई शहरों में इस कुत्ते के पालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. अगर कुत्तों की पालने की बात करें तो देश के हर शहर में अलग-अलग नियम है.