बीमार लोगों को फ्लाइट से ले जाना हो तो ये बहुत चुनौतीपूर्ण काम हो सकता है, लेकिन सुरक्षित तरीके से करने पर ये काम सुविधाजनक हो सकता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर किसी बीमार व्यक्ति को फ्लाइट में ले जाने के लिए किन नियमों का पालन करना होता है?


प्लानिंग और मेडिकल क्लीयरेंस


किसी भी प्रकार की यात्रा की योजना बनाने से पहले, विशेषकर जब यात्रा के दौरान बीमार व्यक्ति को ले जाना हो, तो उनके डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है. डॉक्टर यात्रा की सुरक्षा और संभावित स्वास्थ्य जोखिमों की जांच करेंगे और सही सलाह देंगे.


कुछ मामलों में फ्लाइट से यात्रा करने से पहले एक मेडिकल क्लीयरेंस की आवश्यकता हो सकती है. ये विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है यदि बीमार व्यक्ति को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं या उन्हें विशेष चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता है.


एयरलाइन्स के रुल्स और डॉक्यूमेंटेशन


हर एयरलाइन की अपनी नीतियां और नियम होते हैं जब बात बीमार यात्रियों की आती है. यात्रा से पहले एयरलाइन से संपर्क करके उनके विशेष नियम और आवश्यकताओं के बारे में जानकारी लेना जरुरी होता है. इसमें विशेष सहायता, अतिरिक्त सेवाएं या अतिरिक्त चार्जेज शामिल हो सकते हैं.


इसके अलावा यात्रा के दौरान, बीमार व्यक्ति के पास उनके मेडिकल डॉक्यूमेंट्स और मेडिकल क्लीयरेंस पत्र होना चाहिए. ये डॉक्यूमेंट्स किसी भी आपात स्थिति में चिकित्सा सहायता प्राप्त करने के लिए उपयोगी हो सकते हैं.


विशेष सुविधाएं


यदि बीमार व्यक्ति को चलने में कठिनाई होती है, तो व्हीलचेयर और मूवमेंट असिस्टेंस की व्यवस्था करनी चाहिए. एयरलाइन्स अक्सर इस प्रकार की सहायता प्रदान करती हैं, लेकिन इसके लिए पहले से अनुरोध करना होता है. यदि यात्रा के दौरान किसी विशेष चिकित्सा उपकरण की आवश्यकता होती है, जैसे कि ऑक्सीजन सिलेंडर, तो एयरलाइन को पहले से सूचित करना जरुरी होता है. इसके लिए आपको डॉक्टर की पर्ची और उपकरण की डिटेल देनी होती है.


यात्रा के बाद, बीमार व्यक्ति को पर्याप्त आराम और चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता हो सकती है। यात्रा के प्रभाव और थकावट को ध्यान में रखते हुए, उन्हें चिकित्सकीय देखभाल की सलाह देना जरुरी है. यात्रा के बाद डॉक्टर से फॉलो-अप अपॉइंटमेंट्स को सुनिश्चित करें ताकि किसी भी चिकित्सा मुद्दे को समय पर संबोधित किया जा सके.                                        


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