राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन छात्रों की मौत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. लेकिन अब सवाल ये है कि आखिर किन नियमों के तहत इतने बड़े कोचिंग सेंटर बेसमेंट में क्लास और लाइब्रेरी चला रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे कि राजधानी दिल्ली में बेसमेंट को लेकर क्या नियम हैं.
बेसमेंट में लाइब्रेरी
बता दें कि राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के राव आईएएस स्टडी सर्कल के बेसमेंट में 3 यूपीएससी छात्रों की मौत ने पूरे देश के सुरक्षा नियमों पर सवाल खड़ा कर दिया है. जानकारी के मुताबिक राव कोचिंग सेंटर के पास तो फायर विभाग से बेसमेंट में लाइब्रेरी चलाने की अनुमति भी नहीं थी. हालांकि दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में अनुमति लेकर बेसमेंट में ही कोचिंग सेंटर और लाइब्रेरी समेत ऑफिस खोले जा रहे हैं. अब सवाल ये है कि किन नियमों के तहत दिल्ली में लोगों को बेसमेंट में लाइब्रेरी और क्लास चलाने की अनुमति मिली है.
क्या हैं नियम
बता दें कि दिल्ली में जगह सीमित और आबादी ज्यादा है. जिस कारण बेसमेंट को लेकर 4 साल पहले ही मास्टर प्लान दिल्ली 2021 में कुछ बदलाव हुए थे. इन नियमों का फायदा बहुत सारे कोचिंग सेंटर समेत बेसमेंट का उपयोग करने वाले लोगों को मिला था. हालांकि इनमें अधिकांश लोग बिना परमिशन और सुरक्षा उपकरणों के कोचिंग सेंटर चला रहे थे.
बेसमेंट को लेकर दिल्ली का कानून?
आपने अधिकांश जगहों पर देखा होगा कि बेसमेंट का इस्तेमाल पार्किंग के लिए किया जाता है. लेकिन दिल्ली में नियम बदलने के बाद दिल्ली बिल्डिंग बाई लॉज, दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी, नेशनल कैपिटल रीजन प्लानिंग बोर्ड और दिल्ली फायर सर्विसेज के अनुसार बेसमेंट का इस्तेमाल बिल्डर्स के ऑफिसों, घर गृहस्थी के सामानों के स्टोरेज या बिना ज्वलनशील पदार्थों को रखने, बैंक सेलर्स के स्ट्रॉंग रूम्स के रूप में, बिल्डिंग और सर्विस के लिए इस्तेमाल होने वाले एयर कंडीशनिंग उपकरणों या मशीनों को रखने के लिए, पार्किंग और गैराज के लिए, लाइब्रेरीज के स्टेक रूम्स के लिए या कॉमर्शियल एयर कंडीशंड ऑफिस के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी.
बेसमेंट में कोई रह नहीं सकता?
नियमों के मुताबिक दिल्ली में बेसमेंट को रेजिडेंशियल इस्तेमाल के लिए उपयोग में नहीं लाया जा सकता है. वहीं अगर कॉमर्शियल एक्टिविटी के लिए इसका इस्तेमाल हो रहा है, तो उसके लिए पूरे नियम बने हुए हैं. इन नियमों के मुताबिक बेसमेंट में पर्याप्त वेंटिलेशन के अलावा होनी चाहिए. वहीं इसकी ऊंचाई 2.4 मीटर से ज्यादा होनी चाहिए. इसमें 50 स्कवायर मीटर के एरिया में एक एक्सहॉस्ट फैन लगा होना चाहिए. वहीं ऐसे उपाय होने चाहिए, जिससे बेसमेंट में सरफेस के ड्रेनेज की एंट्री नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा एंट्री और एक्जिट के अलग-अलग गेट होने चाहिए. किसी भी बेसमेंट में किचन, टॉयलेट और बाथरूम नहीं होने चाहिए.
कैसे खुला था बेसमेंट में लाइब्रेरी?
राजधानी दिल्ली बेसमेंट नियमों के तहत बेसमेंट में लाइब्रेरी चलाने की अनुमति नहीं थी. लेकिन बता दें कि चार साल पहले दिल्ली सरकार के मास्टर प्लान फॉर दिल्ली-2021 में कुछ नई चीजें जोड़ी गई थी. इस मास्टर प्लाने में बेसमेंट में प्ले स्कूल, कोचिंग सेंटर, कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, लैंग्वेज कोचिंग सेंटर, फिजिकल एजुकेशन सेंटर, डांस कोचिंग आदि चलाने की अनुमति दी गई थी. हालांकि इसके लिए संचालक को दिल्ली फायर सर्विसेज और अन्य समकक्ष अथॉरिटी से क्लियरेंस लेना जरूरी था. लेकिन अधिकांश लोग बिना नियमों का पालन किए ही मास्टर प्लान 2021 का फायदा उठाकर बेसमेंट में तमाम तरह की गतिविधियां शुरू कर दी थी.
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